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शहर को जाममुक्त बनाने की कवायद, अवैध ऑटो पर शिकंजा कसने के लिए चलेगा अभियान

प्रस्तावित लीड फोटो संख्या 5 - जिले में केवल 6742 ऑटो ही रजिस्टर्ड जबकि शहर में दौड़ रहे करीब 11 हजार - बाहरी जिलों में रजिस्ट्रड ऑटो बिगाड़ रहे हैं शहर की सेहत किए जाएंगे बंद - अधिक पुराने और बिना दस्तावेजों के चल रहे ऑटो भी किए जाएंगे सीज विनीत तोमर रोहतक शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए एक बार फिर से ऑटो को लेकर अभियान चलाया जाएगा। बाहरी जिलों में रजिस्ट्रड ऑटो को बंद कराया जाएगा साथ ही जो ऑटो बिना दस्तावेजों के चलाए जा रहे हैं उन्हें सीज किया जाएगा। ऑटो को लेकर चलाए जाने वाले अभियान का सबसे बड़ा कारण शहर में लगने वाला जाम और दूसरी वजह बढ़ता प्रदूषण है। ट्रैफिक पुलिस जल्द ही अभियान का खाका बनाकर इस पर कार्रवाई शुरू करने के तैयारी में है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 06:02 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 06:32 AM (IST)
शहर को जाममुक्त बनाने की कवायद, अवैध ऑटो पर शिकंजा कसने के लिए चलेगा अभियान
शहर को जाममुक्त बनाने की कवायद, अवैध ऑटो पर शिकंजा कसने के लिए चलेगा अभियान

विनीत तोमर, रोहतक

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शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए एक बार फिर से ऑटो को लेकर अभियान चलाया जाएगा। बाहरी जिलों में रजिस्ट्रड ऑटो को बंद कराया जाएगा, साथ ही जो ऑटो बिना दस्तावेजों के चलाए जा रहे हैं उन्हें सीज किया जाएगा। ऑटो को लेकर चलाए जाने वाले अभियान का सबसे बड़ा कारण शहर में लगने वाला जाम और दूसरी वजह बढ़ता प्रदूषण है। ट्रैफिक पुलिस जल्द ही अभियान का खाका बनाकर इस पर कार्रवाई शुरू करने के तैयारी में है।

दरअसल, ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, शहर में इस समय करीब 11 हजार ऑटो चल रहे हैं, जबकि जिले में आरटीए के पास केवल 6742 ऑटो ही रजिस्ट्रड है। बाकी ऑटो आसपास के जिलों से यहां पर आकर चलाए जा रहे हैं। जो अक्सर जाम का कारण बनते हैं। एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में ऑटो की वजह से कई बार हादसे भी हो चुके हैं। इसके अलावा ज्यादातर ऑटो काफी पुराने हो चुके हैं, जिनसे अधिक प्रदूषण फैलता है। इसे देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने दोबारा से ऑटो को लेकर अभियान चलाने की तैयारी की है। तत्कालीन ट्रैफिक डीएसपी डा. रविद्र के समय में पिछले साल यह अभियान चलाया गया था, लेकिन उनका ट्रांसफर होने के बाद अभियान गति नहीं पकड़ सका। ट्रैफिक पुलिस की अभी तक जो प्लानिग है उसके अनुसार, ऑड-ईवन फार्मूला दोबारा भी लागू किया जा सकता है। जिसे एक दिन ऑड और दूसरे दिन ईवन नंबर के ऑटो चलेंगे। इसके अलावा बाहरी जिलों में रजिस्ट्रड ऑटो को बंद कराया जाएगा। साथ ही जो ऑटो अधिक पुराने हो चुके हैं उनके लिए एक समय निर्धारित किया जाएगा। यानी कि उस अवधि से पहले रजिस्ट्रड ऑटो शहर में नहीं चलने दिए जाएंगे। ऑड-ईवन फार्मूला काफी हद तक हुआ था कामयाब

ट्रैफिक पुलिस ने पहले भी ऑड-ईवन फार्मूला चलाया था, जो काफी हद तक कामयाब भी हुआ था। शहर में ऑटो की संख्या कम हो गई थी। साथ ही जाम की समस्या से भी निजात मिली थी। लेकिन कुछ दिन चलने के बाद धीरे-धीरे पुलिस की अनदेखी की वजह से यह फार्मूला बंद हो गया और ऑड-ईवन नंबर के ऑटो एक साथ शहर में दौड़ने लगे। यहां लगता है जाम

शहर में जहां पर सबसे अधिक जाम लगता है उसमें मेडिकल मोड, डी-पार्क, बजरंग भवन फाटक, किला रोड, सोनीपत स्टैंड, शीला बाईपास, दिल्ली बाईपास और नया बस स्टैंड आदि स्थान शामिल है। यह है प्रदूषण का कारण

- कार्बन मोनो आक्साइड : इसके प्रभाव से व्यक्ति हार्ट डिजीज का शिकार बन जाता है।

- पीएम 10 और 2.5 : ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्री और कंस्ट्रक्शन आदि की वजह ये यह प्रदूषण फैलता है, जो बेहद खतरनाक होता है। इससे आंखों में जलन और अस्थमा की बीमारी हो सकती है।

- नाइट्रोजन आक्साइड : यह प्रदूषण ईंट-भट्टे और ट्रांसपोर्ट आदि से फैलता है। इसके कारण अस्थमा समेत कई अन्य बीमारी हो सकती है। धुंआ भी हानिकारक

वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन आक्साइड निकलती है। सामान्य तौर पर इसकी मात्र 80 माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब होनी चाहिए। फिलहाल में इसका मात्रा मानक से अधिक है।

शहर में ऑटो की संख्या अधिक है। ऑटो के कारण शहर में जाम की समस्या बनी रहती है। इसे देखते हुए यह अभियान चलाया जाएगा। अभियान के चलते ऑटो यूनियन के पदाधिकारियों से भी बातचीत की जाएगी। शहर को पूरी तरह से जाममुक्त बनाया जाएगा।

- सोनू नरवाल, डीएसपी ट्रैफिक


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