कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व मेयर रेणू डाबला ने जींद में थामा भाजपा का दामन
जागरण संवाददाता रोहतक भाजपा ने रविवार को कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। नगर निगम क
जागरण संवाददाता, रोहतक : भाजपा ने रविवार को कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। नगर निगम की पूर्व मेयर रेणू डाबला ने जींद में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने पटका पहनाकर पार्टी की सदस्यता दिलाई। दो साल पहले भी डाबला के लिए भाजपा में शामिल होने का ऑफर आया था। लेकिन दो दिन पहले सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर के साथ गोपनीय बैठक ने पार्टी में शामिल होने का रास्ता खोल दिया। डाबला को हुड्डा परिवार का करीबी माना जाता है। भाजपा में शामिल होने के बाद डाबला ने आरोप लगाए हैं कि कांग्रेस नेतृत्वहीन है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अनदेखी हो रही है। यदि हुड्डा को प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली तो कांग्रेस को इससे भी अधिक नुकसान होगा। कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष पद भी रहीं काबिज
रेणू डाबला का परिवार कांग्रेसी रहा है। 2013 में पहली बार पार्षद का चुनाव लड़ा और वार्ड-4 से पार्षद बनीं। बाद में हुड्डा परिवार के आशीर्वाद से मेयर पद पर काबिज हुईं। मेयर पद पर रहने के दौरान फर्नीचर घोटाले के आरोपों से घिरी रहीं। रेणू कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष पद पर भी काबिज रहीं हैं। मंत्री ग्रोवर की रही अहम भूमिका
सहकारिता मंत्री ग्रोवर ने रेणू डाबला को भाजपा में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों से संपर्क किया जा रहा था। डाबला परिवार के करीबियों से भी बात की गई। डाबला परिवार ने भी इस बात की पुष्टि की है कि हमारे परिवार के करीबियों ने मंत्री ग्रोवर के कहने पर हमें सुझाव दिया था। इसके साथ ही दो दिन पहले डाबला परिवार के घर पर बताया जा रहा है कि मंत्री ग्रोवर वार्ता के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान भाजपा में शामिल होना तय हुआ था। अगस्त 2017 में आया था सबसे पहले ऑफर
भाजपा ने लोकसभा चुनाव का मिशन रोहतक से ही शुरू किया था। अगस्त 2017 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर रोहतक आए थे। उस दौरान भी जबरदस्त चर्चाएं चली थीं कि रेणू डाबला के घर राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह भोजन करेंगे। इसी दौरान पार्टी ज्वाइन करने की भी चर्चाएं थीं। हालांकि डाबला परिवार ने उस दौरान उड़ी चर्चाओं को अफवाह बताया था। जबकि अब दावा किया है कि 2017 में भी ऑफर आया था, लेकिन भाजपा ज्वाइन नहीं की थी। ससुर आजाद सिंह हार चुके हैं पार्षद का चुनाव
दिसंबर में हुए निकाय चुनाव में वार्ड-6 से निर्दलीय चुनाव लड़े थे। रोहतक में सबसे छोटी हार रेणू के ससुर आजाद सिंह डाबला को मिली थी। डाबला महज 57 वोट से भाजपा के प्रत्याशी सुरेश चंद्र से चुनाव हार गए थे। उस दौरान डाबला परिवार ने भाजपा पर साजिश के तहत हराने का आरोप लगाया था। इसकी वजह भी बताई गईं थी। मतगणना के आखिरी चरण से पहले डाबला के जीतने की अफवाह उड़ी थी, जबकि करीब आधे घंटे बाद हार की सूचना से परिवार आहत हुआ था।
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