पीजीआइ के ग्लूकोज से हो रहा रिएक्शन, कुलपति से शिकायत
जागरण संवाददाता, रोहतक : प्रदेश के एकमात्र पीजीआइ में वर्तमान में मरीजों को जो ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा
जागरण संवाददाता, रोहतक : प्रदेश के एकमात्र पीजीआइ में वर्तमान में मरीजों को जो ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है, उससे मरीजों को रिएक्शन हो रहा है। हाल ही में एक पुलिसकर्मी की मां को ग्लूकोज से रिएक्शन हुआ तो उसने हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति को शिकायत करके इसकी जांच कराने की मांग की है। रिएक्शन इतना खतरनाक होता है कि मरीज को चार इंजेक्शन लगाने पड़ते है और उसके बाद मरीज ठीक होता है। यहीं नहीं पुलिसकर्मी का कहना है कि यदि इंजेक्शन लगने में थोड़ी देर हो जाए तो मरीज की जान को भी खतरा हो जाता है। वहीं इस मामले में कुलपति का कहना है कि वह जांच करा रहे है। उसके बाद ही कुछ बता पाएंगे।
दरअसल, एसपी की फाइबर सेल के इंचार्ज सुरेंद्र ¨सह की मां रामदेवी को उल्टियां हुई। जिसके बाद उन्होंने अपनी मां को पीजीआइ के आपातकालीन के कमरा नंबर छह में भर्ती करा दिया। जिसके बाद उनका यहां पर उपचार हुआ। सुरेंद्र ¨सह का कहना है कि उनकी मां को वहां पर मौजूद डॉक्टरों ने ग्लूकोज दिया, जिसके चढ़ने के बाद मात्र दस मिनट बाद ही रिएक्शन होना शुरू हो गया। इसके बाद उनका पूरा शरीर जोर जोर से कांपने लगा। उसके बाद उसने डॉक्टरों को बुलाया तो उन्होंने उनकी मां को चार इंजेक्शन दिए। इसके बाद मां की तबीयत ठीक हुई। इसी तरह से उनकी मां की बराबर में भर्ती दूसरे मरीज को भी ऐसा ही हुआ। सुरेंद्र ¨सह का कहना है कि इसी तरह से सभी मरीजों के साथ हो रहा है। यहीं नहीं शहर के रहने वाले सुभाष गुप्ता ने भी बताया कि उन्होंने भी इस संबंध में कुलपति से बात की थी, लेकिन उन्होंने जांच की बात बोलकर इतिश्री कर दी।
ग्लूकोज को लेकर मोटा गोलमाल तो नहीं
पीजीआइएमएस के एक डॉक्टर ने बिना नाम प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि पीजीआइ में वर्तमान में जो ग्लूकोज इस्तेमाल हो रहा है। वह बाहर से मंगाया जा रहा है। जबकि पीजीआइ में ग्लूकोज का प्लांट लगा हुआ है। इसलिए अंदर ही अंदर ग्लूकोज की आड़ में करोड़ों का घोटाला किया जा रहा है। सुभाष गुप्ता का भी कहना है कि यदि इस प्रकरण की जांच की जाए तो बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है।
मुझे इस मामले की शिकायत मिली है। मैंने ग्लूकोज की जांच कराने के आदेश दे दिए है। जल्द ही रिपोर्ट मेरे पास आएगी। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी
-डॉ. ओपी कालरा, हेल्थ यूनिवर्सिटी कुलपति