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एम्स निर्माण: 25 जुलाई तक शिलान्यास करने का अल्टीमेटम

एम्स निर्माण मामले को लेकर हरियाणा एम्स संघर्ष समिति मनेठी की बैठक कृष्णा गार्डन में रविवार को आयोजित हुई। एम्स संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्योताज यादव की अध्यक्षता और कैलाश यादव के संचालन में आयोजित बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के राजनीतिक जनप्रतिनिधि संघर्ष समिति के पदाधिकारी सदस्य और विभिन्न गांवों से सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया। बैठक में संघर्ष समिति द्वारा सर्वसम्मति से तीन अहम फैसले लिए गए। इनमें 25 जुलाई तक एम्स का शिलान्यास नही होने पर महापंचायत कर आरपार की लड़ाई लड़ेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 06:18 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 06:41 AM (IST)
एम्स निर्माण: 25 जुलाई तक शिलान्यास करने का अल्टीमेटम

संवाद सहयोगी, कुंड (रेवाड़ी) : एम्स का निर्माण मनेठी में ही कराने के मामले को लेकर हरियाणा एम्स संघर्ष समिति मनेठी ने 25 जुलाई तक एम्स का शिलान्यास नहीं होने पर महापंचायत कर आरपार की लड़ाई लड़ने का अल्टीमेटम दिया है। इससे पहले 25 जून को संघर्ष समिति के प्रतिनिधि उपायुक्त को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर एम्स को लेकर स्थिति स्पष्ट करने व वर्तमान स्थिति स्पष्ट करने की मांग करेंगे। रविवार को मनेठी उप तहसील कार्यालय के सामने कृष्णा गार्डन में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के प्रतिनिधियों, संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों और विभिन्न गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।

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बैठक संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्योताज सिंह की अध्यक्षता में हुई। कई घंटे तक चर्चा के बाद सर्वसम्मति से तीन बिदुओं पर काम करने का निर्णय लिया गया। नए सिरे से संघर्ष की शुरुआत 25 जून को उपायुक्त से मिलने व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन देने से करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद 25 जुलाई तक एक माह के दौरान एम्स के जल्द निर्माण की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्यादा से ज्यादा पत्र लिखने और इस पर भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिलने पर 25 जुलाई से आरपार की लड़ाई शुरू करने पर सहमति बनी। बैठक में जनस्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. बनवारीलाल ने कहा कि वे स्वयं एम्स के सूत्रधार हैं। उन्होंने ही 4 जुलाई 2015 को बावल में आयोजित रैली में मुख्यमंत्री मनोहरलाल को अहीरवाल के 11 विधायकों की ओर से पत्र सौंपा था। उन्होंने कहा कि एम्स का निर्माण मनेठी में ही होगा तथा इसके लिए सरकार भी गंभीर हैं। सरकार उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन की अवहेलना नहीं हो और एम्स का मनेठी में निर्माण हो दोनों बातों को ध्यान में रखते हुए बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है।

पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि सरकार चाहे तो मनेठी में एम्स का निर्माण कोई मुश्किल कार्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को राजनैतिक मुद्दा न बनाकर सभी दलों को एकजुट होने की जरूरत है। पूर्व मंत्री डॉ. एमएल रंगा ने कहा कि वे एम्स संघर्ष समिति द्वारा लिए गए एम्स के किसी भी आंदोलन में सहयोग के लिए हमेशा तैयार हैं। मनेठी में एम्स बनना ही चाहिए। बैठक में उप जिला प्रमुख जगफूल यादव, डॉ. टीसी तंवर, कामरेड राजेन्द्र सिंह एडवोकेट, राधेश्याम गोमला, जिला पार्षद सन्नी यादव, आजाद सिंह नांधा, पूर्व पार्षद कुमारी गीता, सेवानिवृत डीईओ धर्मबीर बल्ड़ोदिया, ओपी सैन, डॉ. एचडी यादव, मास्टर लक्ष्मण सिंह अहरोद, संपतराम डहीनवाल, पूर्व सरपंच सुरेश मानपुरा, रिटायर्ड एसडीओ बीडी यादव, रामकिशन सैन आदि ने भी मनेठी में प्रस्तावित एम्स का निर्माण कार्य जल्द शुरू करवाने की मांग की। बैठक में मुख्य रूप से जजपा नेता श्याम सुंदर सबरवाल, पूर्व जिला पार्षद डॉ. अरविद यादव, चेयरमैन दयानंद यादव, यशु प्रधान माजरा, सरस चंद्रहॉस, लवली यादव, स्वराज पार्टी की राजबाला यादव, पूर्व सरपंच विक्रम पांडे सीहा सहित विभिन्न गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।

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एफएसी की रिपोर्ट से अटका मामला:

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सुप्रीमकोर्ट की गाइड लाइन अनुसार गठित एफएसी (फोरेस्ट एडवाइजरी कमेटी) ने एम्स निर्माण के लिए दी गई मनेठी ग्राम पंचायत की जमीन को गैर कृषि कार्य (एम्स का निर्माण करने) के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद सरकार पर दबाव बनाने के लिए मनेठी व आसपास के ग्रामीण फिर से लामबंद होने हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एम्स के लिए प्रस्तावित जमीन पंचायत की है न की वन विभाग की इसलिए राज्य सरकार को मनेठी में ही एम्स निर्माण का रास्ता निकालना चाहिए।

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बैठक में पास किए प्रस्ताव:

-25 जून को उपायुक्त को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।

-25 जून से 25 जुलाई तक प्रधानमंत्री को ज्यादा से ज्यादा पत्र लिखे जाएंगे।

-25 जुलाई के बाद आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।


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