गर्मी के फिर बढ़ने लगे तेवर: 42 पार पहुंचा तापमान
गर्मी के तेवर एक बार फिर तीखे होने लगे हैं। शनिवार को दिन का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: गर्मी के तेवर एक बार फिर तीखे होने लगे हैं। शनिवार को दिन का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया। दस दिन के बाद एक बार फिर शनिवार को अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। न्यूनतम तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस रहा। पिछले तीन दिनों से गर्मी के तेवर बढ़ते जा रहे हैं। इससे पहले 15 जून को अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस था। इसके बाद राहत की वर्षा से अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे चल रहा था। पिछले तीन दिनों से आसमान साफ होने के साथ तेज धूप निकलने से तेज गर्मी पड़ रही है वहीं वातावरण में शुष्कता के चलते रात को उमस भी परेशानियां बढ़ा रही है। दिन में दस बजे के बाद से ही धूप की तपिश बढ़ने से परेशानियां बढ़ रही हैं। पिछले दिनों हुई हल्की वर्षा से उमस बढ़ने लगी।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 29 जून से वर्षा के आसार बने हुए हैं। 28 जून तक आमतौर पर मौसम खुश्क रहेगा। विभाग अध्यक्ष डा. मदन खीचड़ के अनुसार वर्षा किसानों के लिए वरदान साबित होगी। उनके अनुसार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से 26 जून के बाद मौसम में बदलाव संभावित है।
पिछले दस दिनों का तापमान:::
दिनांक अधिकतम न्यूनतम 24 जून 38.4 19.4
23 जून 37.5 22.0
22 जून 36.5 19.2
21 जून 32.5 24.0
20 जून 31.5 21.0
19 जून 27.5 19.8
18 जून 33.8 23.0
17 जून 39.0 26.0
16 जून 40.0 28.2
15 जून 42.5 28.5 (तापमान डिग्री सेल्सियस में )
---------------------------------------------------------------------------------
खानपान पर ध्यान देने की सलाह:
बदलते मौसम में स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को खानपान पर ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। नागरिक अस्पताल के फिजिशियन डा. रणवीर सिंह का कहना है कि वर्षा के दिनों में बासी भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए। इससे फूड प्वाइजनिग का खतरा रहता है। इसके अलावा दूषित पानी की शिकायतें रहती हैं इसलिए हो सके तो पानी का उबालकर ठंडा करके पीना चाहिए। इससे पेट जनित बीमारियों से बचाव हो सकेगा। मच्छरों से बचाव के लिए मच्छर नाशक दवा का छिड़काव करने और घरों के खिड़की दरवाजों पर जालियां होनी चाहिए ताकि कमरे में हवा का आवागमन हो सके और मच्छरों तथा किटाणुओं से बचाव किया जा सके।