सौभाग्य ने कराया आजादी का अहसास
भले ही देश को बुलेट ट्रैन व एनसीआर को मैट्रो मिल गई हों लेकिन आजादी के 70 वर्ष बाद भी एनसीआर में शामिल तथा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित पलवल जिले में करीब 1000 घर ऐसे थे जिनमें बिजली की रोशनी नहीं पहुंची थी। ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सौभाग्य योजना भाग्य खोलने वाली साबित हो रही है। जिले में बिजली की रोशनी से मरहूम 750 घरों को बिजली के कनैक्शन मुहैया करा दिए गए हैं तथा अभी भी उन घरों की पहचान की जा रही है जिन्हें कि अभी तक बिजली कनैक्शन नहीं मिला था।
संजय मग्गू, पलवल
भले ही देश को बुलेट ट्रेन व एनसीआर को मेट्रो मिल गई हो, लेकिन आजादी के 70 वर्ष बाद भी एनसीआर में शामिल तथा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जिले में करीब 1000 घर ऐसे थे, जिनमें बिजली की रोशनी नहीं पहुंची थी। ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सौभाग्य योजना भाग्य खोलने वाली साबित हो रही है। जिले में बिजली की रोशनी से मरहूम 3800 घरों को बिजली के कनेक्शन मुहैया करा दिए गए हैं तथा अभी भी उन घरों की पहचान की जा रही है जिन्हें कि अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं मिला था।
आजादी के 70 वर्ष बाद भी देश भर में करीब चार करोड़ घर ऐसे हैं जिनमें बिजली के कनेक्शन नहीं हैं। अब प्रधानमंत्री मोदी ने उन घरों में वर्ष 2019 तक बिजली के कनेक्शन पहुंचाने का खाका खींचा है। योजना के तहत जिन लोगों का नाम साल 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना में हैं, तथा उनके पास बिजली के कनेक्शन नहीं हैं, उन्हें इस योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जाता है। जिन लोगों का नाम सामाजिक-आर्थिक जनगणना में नहीं है, उन्हें बिजली का कनेक्शन सिर्फ 500 रुपये के शुल्क पर मिल सकता है। ऐसे लोग यह 500 रुपये भी दस आसान किस्तों में चुका सकते हैं।
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इतने घरों में दिए गए बिजली कनेक्शन
पलवल 750
होडल 318
हसनपुर 590
हथीन 2136
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मोदी व मनोहर की सरकारें समाज के आखिरी पायदान पर खड़े आम आदमी को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्प हैं। चाहे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना हो या कर्मकार पेंशन सम्मान योजना सभी ने आम जन का सम्मान बढ़ाया है। सौभाग्य योजना से हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचने से उनके जीवन में भी उजाला होगा जो अभी तक इससे दूर थे।
- सुभाष कत्याल, पूर्व मंत्री व भाजपा नेता
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पलवल व होडल खंड में तो पहले भी बिजली कनेक्शन के मामले में स्थिति संतोषजनक थी। अकेले पलवल खंड में अभी तक 750 कनैक्शन दिए गए हैं। क्योंकि हथीन नूंह जिले की सीमाओं से मिलता हुआ क्षेत्र हैं, तो वहां कनैक्शन पलवल जिले में तुलनात्मक रूप से कम थे। वहीं नूंह जिले अभी तक 45 हजार के करीब कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
- शिवराज सिंह, कार्यकारी अभियंता, डीएचबीवीएन, पलवल।