एसआरएस सोसायटी की सील, अवैध निर्माण भी गिराए
नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के निदेशक के आदेश पर बुधवार को जिला नगर योजनाकार विभाग ने यहां के सेक्टर-26 में बनी एसआरएस सोसायटी को सील कर दिया गया है। बिल्डर द्वारा लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराए जाने पर विभाग द्वारा यह कार्रवाई की गई है। इसके अतिरिक्त सेक्टर-18 व 26 के बीच बने अवैध निर्माणों को भी बुधवार को गिराने की कार्यवाही की गई। इस दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट व पुलिस बल भी तैनात रहा। डीटीपी को कुछ जगहों पर लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के निदेशक के आदेश पर बुधवार को जिला नगर योजनाकार विभाग ने यहां के सेक्टर-26 में बनी एसआरएस सोसायटी को सील कर दिया गया है। बिल्डर द्वारा लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराए जाने पर विभाग द्वारा यह कार्रवाई की गई है। इसके अतिरिक्त सेक्टर-18 व 26 के बीच बने अवैध निर्माणों को भी बुधवार को गिराने की कार्यवाही की गई। इस दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट व पुलिस बल भी तैनात रहा। डीटीपी को कुछ जगहों पर लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
जिला नगर योजनाकार अधिकारी धर्मबीर खत्री ने बताया कि गढ़ी बोलनी रोड पर सेक्टर-26 में एसआरएस ग्रुप हाउसिग कालोनी की सीलिग की कार्यवाही की गई। इस दौरान प्रशासन की ओर से सिचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता जेपी तंवर को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। सोसायटी स्थापित करने के लिए एसआरएस रियल इंफ्रास्ट्रक्चर लि. द्वारा आठ सितंबर 2008 को लाइसेंस लिया गया था, जो सात सितंबर 2016 तक वैध था। इसके बाद सोसायटी के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया गया था। सीलिग के बाद कोई भी व्यक्ति इस जगह पर निर्माण या खरीद-फरोख्त करता है तो वह स्वयं जिम्मेदार होगा। स्पोर्ट्स एकेडमी व कार्यालय तोड़े: डीटीपी की टीम द्वारा सेक्टर-18 व 26 के बीच स्थित सड़क के साथ बने दो प्रापर्टी डीलर कार्यालय, एक स्पोर्ट्स एकेडमी, चार दुकानों, एक टीनशेड और आठ डीपीसी व चारदीवारी को तोड़ दिया गया। डीटीपी के अनुसार निर्माण के लिए नियमानुसार विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इस दौरान लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन पुलिस बल के कारण उनका विरोध दब गया। डीटीपी धर्मबीर खत्री ने कहा कि नियंत्रित एवं शहरी क्षेत्र में कोई भी अवैध निर्माण न करें। किसी भी प्रकार का निर्माण करने से पहले सरकार के नियमानुसार अनुमति ले। नियंत्रित क्षेत्र में सीएलयू की अनुमति प्राप्त करने उपरांत ही निर्माण कार्य शुरू करें। बिना अनुमति निर्माण करने पर तोड़ने के साथ-साथ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी।