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पर्यटन की संभावनाएं बढ़ाएगा रेवाड़ी-जैसलमेर राजमार्ग

महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा कुछ समय पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग घोषि

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Mar 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 31 Mar 2018 03:00 AM (IST)
पर्यटन की संभावनाएं बढ़ाएगा रेवाड़ी-जैसलमेर राजमार्ग

महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी

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राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा कुछ समय पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए गए रेवाड़ी-जैसलमेर सड़क मार्ग के लिए हरियाणा सीमा में भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है। राजस्थान सीमा तक सैन्य साजो-सामान की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए इस सामरिक महत्व की सड़क को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गडकरी की भारतमाला से जुड़ी यह सड़क परियोजना बेशक सामरिक महत्व के कारण प्राथमिकता सूची में शामिल हुई है, लेकिन बड़ी बात यह है कि इससे हरियाणा व राजस्थान में पर्यटन की संभावनाओं को पंख लगेंगे।

वीकेंड में जहां एनसीआर के लोगों के लिए राजस्थान के फतेहपुर सहित शेखावाटी से जुड़े शहरों तक आना-जाना सुगम होगा, वहीं नारनौल की ऐतिहासिक धरोहरों को देखने वालों की भी संख्या बढ़ेगी। दिल्ली से राजस्थान के शेखावाटी तथा इससे आगे बीकानेर व जैसलमेर जैसे ऐतिहासिक शहरों तक जाने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को हरियाणा की ऐतिहासिक धरोहर देखने का अवसर मिलेगा। ये रहेगा रेवाड़ी से जैसलमेर का रूट

इस सड़क परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 नाम दिया गया है। पिछले सप्ताह रेवाड़ी-नारनौल सीमा से सटे मनेठी कस्बे की राजस्व सीमा तक अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इस रूट की कुल लंबाई 691 किमी है। यह सड़क अधिकांश स्थानों पर मौजूदा उन्हीं राज्यमार्गों से होकर गुजरेगी, जिनको अब राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दिया जा चुका है। इसलिए भूमि का अधिग्रहण भी सड़क के साथ-साथ किया जा रहा है। अधिकांश शहरों में बाइपास निर्धारित किए गए हैं, जिनके लिए अलग से जमीन अधिग्रहीत की जा रही है। इससे रेवाड़ी व नारनौल जैसे शहरों में यातायात का दबाव कम हो जाएगा और जाम की त्रासदी से मुक्ति मिल जाएगी। रेवाड़ी से यह मार्ग नारनौल, चिड़ावा, झुंझुनु, फतेहपुर, रतनगढ़, श्री डूंगरगढ़, बीकानेर व पोखरण होते हुए जैसलमेर पहुंचेगी। इनसेट:

बाइपास की राजनीति में भारी पड़े राव

मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने 4 जुलाई 2015 को बावल रैली में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ¨सह की मांग पर रेवाड़ी के आउटर बाइपास की घोषणा की थी। बाद में इस पर खूब राजनीति हुई। राज्य सरकार ने पहले यह प्रस्ताव एनसीआर प्ला¨नग बोर्ड को भेजने की बात कही, लेकिन बात नहीं बनी। बाद में इस परियोजना को नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया को भेज दिया गया। इस बीच नारनौल रोड नेशनल हाइवे घोषित हो चुका था। जब बाइपास का प्रस्ताव नेशनल हाइवे को सौंपा गया तब राव विरोधी यह प्रचार करने में लगे थे कि राव की बाइपास परियोजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई, लेकिन गडकरी ने राव इंद्रजीत ¨सह का साथ दिया और प्रस्तावित बाइपास को रेवाड़ी से जैसलमेर के बीच प्रस्तावित राजमार्ग का हिस्सा बना दिया। कुल मिलाकर यह कहा जा रहा है कि बाइपास की राजनीति में राव इंद्रजीत ¨सह सभी पर भारी पड़े।


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