ठीक होंगे डीएमयू के शीशे, रेलवे ने शुरू की टेंडर प्रक्रिया
-दिल्ली डिवीजन के अधिकारियों ने दैनिक जागरण से हुई बातचीत में साफ की तस्वीर -दैनिक जागरण ने उठाया था ट्रेन के टूटे शीशों का मामला जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: आखिरकार सिस्टम पर जमी बर्फ की चादर भी पिघली है। बदहाल डीएमयू ट्रेन के शीशों को ठीक कराने की सुध रेलवे की तरफ से ले ली गई है। रेलवे की ओर से टेंडर छोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभागीय अधिकारियों की तरफ से दैनिक जागरण को इस बाबत जानकारी दी गई है। अब उम्मीद जगी है कि यात्रियों को ज्यादा दिनों तक सर्द हवाओं के थपेड़े नहीं झेलने पड़ेंगे।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:
आखिरकार सिस्टम पर जमी बर्फ की चादर भी पिघली है। बदहाल डीएमयू ट्रेन के शीशों को ठीक कराने की सुध रेलवे की तरफ से ले ली गई है। रेलवे की ओर से टेंडर छोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभागीय अधिकारियों की तरफ से दैनिक जागरण को इस बाबत जानकारी दी गई है। अब उम्मीद जगी है कि यात्रियों को ज्यादा दिनों तक सर्द हवाओं के थपेड़े नहीं झेलने पड़ेंगे।
दैनिक जागरण ने उठाया मुद्दा, अब ली गई सुध
रेवाड़ी से दिल्ली जाने वाली पैसेंजर ट्रेन सुबह साढ़े पांच बजे रेवाड़ी से दिल्ली के लिए रवाना होती है। इस ट्रेन की सभी बोगी के शीशे टूटे हुए हैं। सर्द मौसम में सुबह के समय इस ट्रेन में सवारी करना किसी सजा से कम नहीं है। लोग इस सजा को लगातार दो सालों से भुगत भी रहे हैं। बड़ी तादाद में नौकरीपेशा लोग सुबह के समय इस ट्रेन में सफर करते हैं। दो सालों से यात्री परेशान है लेकिन रेलवे अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही थी। दैनिक जागरण ने 25 दिसंबर को 'मौसम के थपेड़ों से भी सर्द है सिस्टम पर जमी बर्फ' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। उक्त समाचार में लोगों की पीड़ा को सामने रखा गया था तथा बताया गया था कि किस तरह से सर्द हवाओं के बीच लोगों को टूटे शीशों की ट्रेन में सफर करना पड़ता है। दैनिक जागरण लगातार इस मामले में दिल्ली डिवीजन के अधिकारियों के भी संपर्क में था। अब दिल्ली डिवीजन के अधिकारियों की तरफ से जागरण को बताया गया है कि रेलवे की ओर से ट्रेन के शीशे सही कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करा दी गई है।
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डीएमयू ट्रेन के शीशों को ठीक कराया जाएगा। यात्रियों की परेशानी को गंभीरता से लिया गया है। इसके लिए डीआरएम से बातचीत हो गई है तथा टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
-दीपक कुमार, सीपीआरओ, नार्थन रेलवे।