चार साल से प्रयोग कर रहे थे पुलिसकर्मी का पहचानपत्र
पुलिसकर्मी से छीना गया पहचान पत्र आरोपित पिछले चार साल से फर्जी तरीके से प्रयोग कर रहे थे। पहचान-पत्र का प्रयोग करने के कारण ही आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपित टोल प्लाजा के अतिरिक्त कई जगहों पर फर्जी तरीके से पहचान पत्र का प्रयोग कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : चार साल पहले जय¨सहपुर खेड़ा बार्डर पर एक पुलिसकर्मी से लूटपाट करने वाले बदमाश तभी से लूटे गए पहचानपत्र का इस्तेमाल टोल प्लाजा व कई अन्य जगहों पर करते आ रहे थे। इसका प्रयोग करने के कारण ही आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ गए। मारपीट कर छीनी थी नकदी व पहचान-पत्र
2 दिसंबर 2014 को हेड कांस्टेबल गुलाब ¨सह किसी मामले मे जांच के लिए जय¨सहपुर खेडा बार्डर पर गए थे। इसी दौरान एचसी गुलाब ¨सह की कार आरोपितों की कार से भिड़ गई थी। आरोपितों ने पुलिसकर्मी से मारपीट करते हुए 15 हजार रुपये, एटीएम कार्ड व पुलिस का पहचानपत्र छीन लिया और फरार हो गए। टोल प्लाजा से पकड़ में आए आरोपितों द्वारा पुलिसकर्मी के पहचान पत्र का प्रयोग किया जा रहा था। आरोपित हाईवे से गुजरते समय टोल प्लाजा पर भी बिना टोल दिए निकलने के लिए पहचान-पत्र का प्रयोग कर रहे थे। पुलिस को टोल प्लाजा पर पहचान पत्र का इस्तेमाल होने की जानकारी मिली। सीसीटीवी फुटेज से पुलिस ने पहचान-पत्र प्रयोग करने वाले लोगों की कार के रजिस्ट्रेशन नंबर निकलवाए। जांच के बाद पुलिस ने दोनों आरोपित गांव छापडा बीवीपुर निवासी शिवशंभू व राजेश को गिरफ्तार कर लिया। पुलिसकर्मी से लूटपाट की वारदात के करीब चार साल बाद पुलिस आरोपितों को पकड़ पाई है।