लगातार गिर रहा तापमान, सर्दी में निकलें जरा संभलकर
रविवार को तापमान काफी नीचे गिर गया।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : रविवार को तापमान काफी नीचे गिर गया। न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस रहा। शनिवार के मुकाबले रविवार को तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। शनिवार को न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस था। सर्दी के बढ़ते तेवर का जनजीवन पर असर दिखने लगा है। दिन में निकलने वाली धूप अब सुहाने लगी है। सुबह शाम टंकियों में जमा पानी ठंडा लगने लगा है। हल्की ठिठुरन भी बढ़ने लगी है। नवंबर में दिसंबर जैसी सर्दी का अहसास होने लगा है। लोग सर्दी से बचाव को सुबह शाम अलाव का सहारा लेने लगे हैं। वहीं, बाजार में गर्म कपड़े खरीदने वालों की भीड़ लगने लगी है। कोट, जैकेट, स्वेटर, जूते, जुराब की दुकानों पर ग्राहक पहुंचने लगे हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पहाड़ों में बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ में बदलाव के चलते मैदानों में सर्दी ज्यादा बढ़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार 25 नवंबर तक मौसम परिवर्तनशील रहने और खुश्क रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान उतर पश्चिमी हवाएं चलने से रात्रि तापमान में हल्की गिरावट व सुबह के समय कहीं कहीं हल्की धुंध संभावित है। 19 नवंबर को अधिकतम तापमान 25 व न्यूनतम 10.5 डिग्री सेल्सियस था। पिछले छह दिनों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान दिनांक न्यूनतम अधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
17 नवंबर 14 22
18 नवंबर 8.5 23.5 19 नवंबर 10.5 25.0 20 नवंबर 7.0 24.6 21 नवंबर 7.5 23.5 ----------
खानपान और पहनावे पर दें ध्यान सर्दी के बढ़ते तेवर से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। कोरोना काल में संक्रमण के साथ सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल बुखार के भी मरीज बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। इन दिनों दमा, हृदय रोगियों के साथ वृद्धों और बीमार लोगों को और सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। फिजिशियन डा. केके नागर का कहना है कि सुबह जल्दी सैर करने जाने से बचना चाहिए। शाम को गर्म पानी की भाप लेनी चाहिए। थोड़ी भी परेशानी होते ही तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। बिना चिकित्सक की सलाह के दवा का सेवन न करें। छाती, सिर और पैरों को ढककर रहना चाहिए। बहुत ठंडे पानी ने नहाने से बचना चाहिए। फसलों को होगा फायदा कृषि विशेषज्ञों के अनुसार तापमान में कमी आने से फसलों को फायदा होगा। बारिश होने पर वरदान साबित होगी। रात को पड़ने वाली ओस के बाद दिन में धूप निकलने से फसलों को फायदा होगा। कृषि विकास अधिकारी डा. अशोक कुमार का कहना है कि मौसम साफ होने पर ही फसलों की सिचाई करनी चाहिए।