कोसली के हाटस्पाट गांवों में बनाए आइसोलेशन सेंटर
कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने और संक्रमित मरीजों के लिए उपमंडल के सभी हाटस्पाट गांवों में आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं।
संवाद सहयोगी, कोसली : कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने और संक्रमित मरीजों के लिए उपमंडल के सभी हाटस्पाट गांवों में आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं। नाहड़ खंड के बीडीपीओ नरेंद्र सिंह को आइसोलेशन सेंटरों का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एसडीएम होशियार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपमंडल के 11 गांवों को हाटस्पाट गांवों की श्रेणी में रखा गया है, जिनमें जुड्डी, नाहड़, कारौली, मुमताजपुर, शहादतनगर, गुड़ियानी, कोसली, लिलोढ़, बव्वा, भाकली व झाल गांव शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में स्थापित इन आइसोलेशन सेंटरों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आक्सीमीटर, थर्मामीटर, दवाइयां, स्टीमर आदि की व्यवस्था की गई है। वहीं पंचायत विभाग की ओर से इन सेंटरों पर सफाई व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि इन आइसोलेशन सेंटरों का लाभ उन लोगों को विशेष रूप से मिलेगा जिनके पास घर में आइसोलेट होने की परेशानी है। एसडीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण को गांवों में फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि ग्रामीण अपने घर के पास आइसोलेट रहकर अपने आप को स्वस्थ कर सकें। जिन गांवों से लोगों की आवाजाही ज्यादा हो रही है, वहां स्थिति चिताजनक हैं और वह कोरोना के हाटस्पाट बनते जा रहे हैं। इसलिए गांवों में बाहर से आने वाले लोगों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना के दौरान ग्रामवासियों ने सख्त ठीकरी पहरा लगाया था और कोरोना को गांवों में आने से रोक दिया था। इस बार भी ग्रामीण ठीकरी पहरा लगाकर कोरोना को हराने की दिशा में काम करें। सरकार और प्रशासन के साथ- साथ हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह बाहर से आने वालों की निगरानी रखें। उन्होंने ग्रामीणों से भी अपील की कि गांवों में किसी को भी कोरोना का जरा सा भी लक्षण दिखने पर अपनी जांच अवश्य करवाएं और होम आइसोलेशन में रहे।