इस बार नहीं होगा रावण दहन
दशहरा के अवसर पर इस बार रावण दहन नहीं होगा। जिला प्रशासन की तरफ से साफ हो गया है कि रावण दहन की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं अहम बात यह है कि कोरोना काल में स्थिति को समझते हुए रामलीला कमेटियों की ओर से भी रावण दहन की कोई अनुमति नहीं मांगी गई है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: दशहरा के अवसर पर इस बार रावण दहन नहीं होगा। जिला प्रशासन की तरफ से साफ हो गया है कि रावण दहन की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं अहम बात यह है कि कोरोना काल में स्थिति को समझते हुए रामलीला कमेटियों की ओर से भी रावण दहन की कोई अनुमति नहीं मांगी गई है। उपायुक्त ने स्पष्ट कर दिया है कि रावण दहन की बजाय इस बार हम सभी लोगों को मिलकर कोरोना दहन की शपथ लेने की आवश्यकता है।
25 अक्टूबर को है दशहरा
शारदीय नवरात्र का पावन पर्व चल रहा है। प्रत्येक दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जा रही है। कलश स्थापना के साथ ही नवरात्र का आरंभ हुआ था तथा दशमी के दिन दशहरा मनाया जाता है। दशहरा के दिन शाम के समय में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है। हर साल सचिवालय के पीछे स्थित हुडा ग्राउंड में रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है, लेकिन इस बार दहन की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिला प्रशासन ने रामलीला आयोजन की भी अनुमति नहीं दी थी जिसके चलते रावण दहन की अनुमति की भी उम्मीद कम ही थी। उपायुक्त ने बृहस्पतिवार को दैनिक जागरण से बातचीत में पूरी तरह स्पष्ट कर दिया कि कोरोना से बचाव को देखते हुए रावण दहन की भी कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।
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पुतला बनाने वाले भी नहीं आए::
हर वर्ष पुतला बनाने के लिए भी बहुत से कारीगर शहर में आते रहे हैं लेकिन इस बार वे भी नहीं आए हैं। उनको भी मालुम है कि कोरोना काल में रावण दहन का मेला आयोजित करना संभव नहीं।
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दशहरा का शुभ मुहूर्त:
हिंदी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हर वर्ष दशहरा या विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीनिवास शास्त्री के अनुसार इस वर्ष आश्विन शुक्ल दशमी तिथि का प्रारंभ 25 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 41 मिनट पर हो रहा है, जो 26 अक्टूबर को सुबह 09 बजे तक है। ऐसे में इस वर्ष दशहरा या विजयादशमी का त्योहार 25 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि और दिवाली से 20 दिन पहले दशहरा पड़ता है। विजयादशमी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक है। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक है। दशहरा के दिन रावण के पुतले का दहन इसलिए किया जाता है ताकि व्यक्ति अपनी बुराइयों को नष्ट करके अपने अंदर अच्छी आदतों और व्यवहार का विकास करें। दशहरा असत्य पर सत्य की, बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है।
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हमने रामलीला आयोजन को लेकर जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी। प्रशासन की ओर से रामलीला आयोजन की अनुमति नहीं दी गई जिसके चलते अब समिति की ओर से रावण दहन की अनुमति मांगी ही नहीं गई। हमें पहले ही यह स्पष्ट है कि रावण दहन की अनुमति नहीं मिलेगी।
-यादके सुगंध, सचिव, श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर आदर्श रामलीला
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इस बार दशहरा के दिन रावण दहन की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिलावासियों से आग्रह है कि रावण के पुतला दहन के स्थान पर कोरोना का दहन करने की शपथ लें। कोरोना का दहन शारीरिक दूरी की पालना से ही संभव है। हम सभी को मिलकर कोरोना रूपी बुराई का दहन करना होगा।
-यशेंद्र सिंह, उपायुक्त