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चौपहिया वाहन रोकते ही बाजारों में राहत

काफी किरकिरी कराने के बाद आखिरकार बृहस्पतिवार को बाजारों में चौपहिया व भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बाजारों के प्रवेश प्वाइंट रेलवे चौक काठमंडी चौक गोकल गेट भाड़ावास गेट जीवली बाजार आदि में अवरोधक लगाकर पुलिस के जवानों की तैनाती कर दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 06:17 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:07 AM (IST)
चौपहिया वाहन रोकते ही बाजारों में राहत

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: बाजारों में चौपहिया वाहनों के प्रवेश पर पुलिस द्वारा पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। चौपहिया व भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगते ही बाजारों में जाम की समस्या भी खत्म हो गई है। यहां बता देना जरूरी है कि उपायुक्त ने मंगलवार को सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक शहर के बाजारों में चौपहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाई है।

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एक दिन बाद जागी पुलिस

उपायुक्त यशेंद्र सिंह के आदेश का पालन करने में पुलिस ने भी लेट लतीफी दिखाई। काफी किरकिरी कराने के बाद आखिरकार बृहस्पतिवार को बाजारों में चौपहिया व भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बाजारों के प्रवेश प्वाइंट रेलवे चौक, काठमंडी चौक, गोकल गेट, भाड़ावास गेट, जीवली बाजार आदि में अवरोधक लगाकर पुलिस के जवानों की तैनाती कर दी गई है। बृहस्पतिवार को चौपहिया वाहनों को सख्ती से रोका गया। चौपहिया वाहनों के कारण बाजारों में दिनभर जाम की स्थिति बन रही थी। कोरोना काल में यह जाम संक्रमण फैलाने का भी प्रमुख कारण बन रहा था। जाम के चलते शारीरिक दूरी की पालना नहीं हो रही थी। अब चौपहिया वाहनों को रोका गया है तो बृहस्पतिवार को बाजारों में जाम की स्थिति न के बराबर ही रही।

दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा

बाजार में चौपहिया वाहनों के प्रवेश का मुद्दा दैनिक जागरण ने बृहस्पतिवार के अंक में प्रमुखता से उठाया था। हमने बताया था कि किस तरह उपायुक्त के आदेशों के बावजूद बाजारों में चौपहिया व भारी वाहन प्रवेश कर रहे हैं। समाचार के प्रकाशित होने के बाद उपायुक्त ने सख्ती दिखाई और पुलिस भी सतर्क हुई, जिसका असर बाजारों में नजर आया।

अतिक्रमण पर कब कसी जाएगी नकेल

बाजारों में भारी व चौपहिया वाहनों के प्रवेश पर तो रोक लगा दी गई है, लेकिन अतिक्रमण पर कब नकेल कसी जाएगी इसका भी इंतजार है। बाजारों में दुकानदार अतिक्रमण के नाम पर मोटा किराया वसूल रहे हैं। दुकान के सामने सड़कों पर ही फड़ लगवाने के नाम पर 20 से 30 हजार रुपये किराया वसूला जा रहा है। कई तो ऐसे दुकानदार हैं जिनका चालान भी कट चुका लेकिन मोटे किराये के लालच में अतिक्रमण का खेल बरकरार है। जिला प्रशासन अगर अतिक्रमणकारियों पर भी नकेल कस दे तो निश्चित तौर पर बाजारों में किसी भी तरह की समस्या नहीं रहेगी।

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इनसेट:

काठमंडी के दुकानदारों ने मांगी छूट

काठमंडी के दुकानदारों ने अवरोधक लगाए जाने पर थोड़ी छूट की मांग की है। एसोसिएशन के प्रधान नरेश शर्मा का कहना है कि काठमंडी में भवन निर्माण के दौरान इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे लोहे के गार्डर, छत के पत्थर, चौखट, जंगले व अन्य सामान मिलता है। इस तरह के सामान तो बड़े वाहनों में ही जा सकते हैं। ऐसे में काठमंडी में बड़े वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी जाए तथा अवरोधक गोकल गेट के पास लगाए जाएं। इस बाबत उपायुक्त से शीघ्र ही मुलाकात की जाएगी।


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