स्वच्छता सर्वेक्षण: 118वीं रैंक: 146 स्थान की लगाई छलांग
स्वच्छता रैंकिग में रेवाड़ी ने इस बार बड़ी छलांग लगाई है।
अमित सैनी, रेवाड़ी
स्वच्छता रैंकिग में रेवाड़ी ने इस बार बड़ी छलांग लगाई है। रेवाड़ी नगर परिषद को देशभर में 118वां स्थान मिला है। पिछले साल रेवाड़ी को 264वां स्थान मिला था। सीधे तौर पर रेवाड़ी ने 146 स्थान की छलांग लगाई है। रैंकिग में बड़ा सुधार होना निश्चित तौर पर सुखद है। बुधवार को स्वच्छता सर्वेक्षण का परिणाम घोषित किया गया। इन परिणामों में अंबिकापुर ने देशभर में प्रथम, मैसूर ने द्वितीय व नई दिल्ली ने तृतीय स्थान हासिल किया। टीम ने किया था शहर का सर्वे स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए जनवरी में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम रेवाड़ी पहुंची थी। टीम ने शहर में तीन दिन बिताए थे और सफाई के हर पहलु का बारिकी से निरीक्षण किया था। इस बार 1 लाख से अधिक आबादी वाले 382 शहरों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया था, जिनकी अखिल भारतीय रैंक जारी की गई है। इसमें रेवाड़ी नगर परिषद को 118वां रैंक मिला है। पिछले साल रेवाड़ी की देशभर में 264, वर्ष 2018 में 254 व वर्ष 2017 में 303 रैंक थी। 6000 में से मिले 3113 अंक स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए इस बार कुल अंक पिछली बार से एक हजार बढ़ाए गए हैं। इस बार कुल 6 हजार अंक निर्धारित किए गए थे जिसमें से रेवाड़ी को 3113 अंक मिले हैं। इनमें चार अलग-अलग कैटेगरी बनाई गई थी। सभी श्रेणियों में 1500-1500 अंक रखे गए थे।
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इस श्रेणी में मिले इतने अंक -प्रत्यक्ष अवलोकन (डायरेक्ट आब्जरवेशन):
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम द्वारा शहर में आकर सर्वेक्षण किया गया था। टीम के निरीक्षण में रेवाड़ी को 1500 में से 1224.26 अंक मिले हैं। टीम ने शहर की सफाई व्यवस्था, सार्वजनिक शौचालय, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड तक का निरीक्षण किया था।
-नागरिकों प्रतिक्रिया (सिटीजन फीडबैक):
नागरिकों से भी शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर प्रतिक्रिया ली गई थी। नागरिक प्रतिक्रिया में 1500 में से 1069.35 अंक मिले हैं। ऑनलाइन ही प्रतिक्रिया देनी थी। इसके लिए एप भी जारी किया गया था। -सेवा स्तर की प्रगति (सर्विस लेवल प्रोग्रेस):
सेवा स्तर यानि कचरा उठान व निस्तारण को लेकर क्या कुछ इंतजाम किए गए हैं इसके भी अंक थे। सबसे कम अंक इसी श्रेणी में मिले है। इस श्रेणी में 1500 में से 320.29 अंक मिले हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी कचरा निस्तारण प्लांट नहीं लग पाया है। -खुले में शौचमुक्त का प्रमाणीकरण (सटिफिकेशन ओडीएफ):
खुले में शौचमुक्त होने पर भी अंक निर्धारित किए गए थे। रेवाड़ी नप क्षेत्र खुले में शौचमुक्त हो चुका है इसलिए इस श्रेणी में 500 अंक मिले हैं।
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इसलिए सुधर पाई है रैंक: -डोर टू डोर कचरा उठान:
रेवाड़ी नगर परिषद द्वारा डोर टू डोर कचरा उठान की व्यवस्था शुरू की जा चुकी है जिससे सफाई व्यवस्था में सुधार हुआ है तथा लोग भी घर के सामने ही आने वाले वाहन में कचरा डाल रहे हैं।
-स्वीपिग मशीन:
नगर परिषद ने इटली से जो स्वीपिग मशीन मंगवाई है उससे सड़कों की सफाई में मदद मिली है।
-रात को सफाई:
शहर के बाजारों में नगर परिषद के सफाई कर्मचारी रात को सफाई करते हैं। इससे भी सुधार हुआ है।
-जागरूकता:
सफाई व्यवस्था को लेकर आम आदमी में भी जागरूकता आई है।
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यहां अभी और सुधार की आवश्यकता -कचरा निस्तारण प्लांट:
रामसिंहपुरा में नगर परिषद को कचरा डालने के लिए जमीन तो मिल गई है लेकिन अभी यहां कचरा निस्तारण प्लांट नहीं लग पाया है। इसकी फाइल लंबे समय से चंडीगढ़ में अटकी है। कचरे का निस्तारण होने लगेगा तो व्यवस्था और बेहतर होगी।
-सूखा-गीला कचरा अलग-अलग करने की व्यवस्था:
नगर परिषद के पास अभी तक सूखा व गीला कचरा अलग करने की व्यवस्था नहीं है। हालांकि अब इसपर काम किया जा रहा है तथा आने वाले कुछ ही दिनों में यह व्यवस्था शुरू हो सकती है। यह व्यवस्था शुरू होने पर काफी हद तक सुधार होगा।
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इनसेट:
प्रदेश में रेवाड़ी का सातवां स्थान प्रदेश में रेवाड़ी का सातवां स्थान है। रेवाड़ी से ऊपर करनाल, रोहतक, पंचकुला, गुरुग्राम, सोनीपत व हिसार है। बेहतर बात यह है कि ये सभी नगर निगम है तथा सातवां स्थान रेवाड़ी नगर परिषद को मिला है। नगर परिषद के लिहाज से रेवाड़ी प्रदेश के अन्य नप क्षेत्रों से ऊपर है।
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डोर टू डोर कचरा उठान, सफाई कर्मचारियों की मेहनत व कुछ व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने से रैंक में सुधार हुआ है। हम और मेहनत करेंगे तथा कुछ नए प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू हो रहा है।
-डॉ. विजयपाल, ईओ नप
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शहरवासियों व नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों की मेहनत से हमारी रैंक में सुधार हुआ है। अगली बार टॉप 50 में रेवाड़ी नगर परिषद स्थान बनाएगी इस दिशा में कचरा निस्तारण को लेकर नए प्रोजेक्ट बनाए गए हैं।
-रविद्र यादव, एसडीएम एवं प्रशासक नप
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रेवाड़ी नगर परिषद को देशभर में 118वां स्थान मिला है तथा प्रदेश में सातवां स्थान है। नप ने 146 स्थानों की बड़ी छलांग लगाई है। सफाई व्यवस्था में काफी सुधार किया गया है तथा कचरा निस्तारण को लेकर नए प्रोजेक्ट बनाए गए हैं। निश्चित तौर पर अगले वर्ष तक हम टॉप 50 में जगह बनाएंगे।
-यशेंद्र सिंह उपायुक्त
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स्वच्छता रैंकिग का डाटा:
वर्ष 2020: 118 रैंक
वर्ष 2019: 264 रैंक
वर्ष 2018: 254 रैंक
वर्ष 2017: 303 रैंक
-382 शहरों को शामिल किया गया था सर्वेक्षण में