बाजारों में रौनक लेकर आया भाई-बहन का त्योहार
भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन को लेकर बाजारों में चहल-पहल नजर आ रही है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन को लेकर बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों में मायूसी छाई हुई थी लेकिन तीज के बाद से ही बाजारों में रौनक लौटने लगी है। गिफ्ट गैलरी, कपड़े एवं श्रृंगार की दुकानों पर खरीददारी के लिए ग्राहकों की अच्छी भीड़ देखने को मिल रही है। पिछले काफी दिनों से बाजार में खरीददारी के लिए कम संख्या में ही ग्राहक पहुंच रहे थे लेकिन भीड़ को देखकर अब दुकानदारों के चेहरे खिले हुए हैं। बाजारों से गायब चाइनीज राखियां भारत चीन के बीच हुए तनाव के चलते रक्षाबंधन पर्व पर इस बार बाजारों से चाइनीज राखियां गायब हैं। बाजार में दुकानों पर मोती वाली राखियों से लेकर चंदन, रुद्राक्ष, रेशम, डायमंड आदि राखियां सजी हुई हैं। बहनें भी इस बार स्वदेशी राखियों को खूब पसंद कर रही हैं लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कोरियर सुविधा प्रभावित होने के कारण बहनों को राखियां भेजने में परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं बच्चों को लुभाने के लिए बाजारों में छोटा भीम, डोरीमॉन, पबजी सहित विभिन्न प्रकार की कार्टून कैरेक्टर वाली राखियां दुकानों पर बिक रहीं हैं। इस बार राखियों की कीमतों में 5 फीसद तक का इजाफा हुआ है। बाजार में 10 से लेकर 400 रुपये कीमत तक की राखियां उपलब्ध हैं।
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कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों से रौनक गायब हो गई थी। रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक आने से बाजार में खरीददारी के लिए लोग आ रहे हैं लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार ग्राहकों की संख्या कम है।
- विनय, दुकानदार
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पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार राखियों की कीमत में 5 फीसद तक इजाफा हुआ है। क्योंकि इस बार चाइनीज राखियां बाजार में नहीं आ रही हैं। जितने भी ग्राहक बाजार में पहुंच रहे वे चाव से स्वदेशी राखियों की खरीददारी कर रहे हैं।
- अमित धमीजा, दुकानदार