शारीरिक दूरी के साथ शिवरात्रि पर शिवभक्तों ने किया जलाभिषेक
करीब चार माह बाद शिवरात्रि पर कपाट खुलने से मंदिरों में रौनक दिखाई दी वहीं शारीरिक दूरी का भी पूरा ध्यान रखा गया।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : करीब चार माह बाद शिवरात्रि पर कपाट खुलने से मंदिरों में रौनक छाई। कोरोना संक्रमण के चलते करीब चार माह से मंदिरों के कपाट बंद थे। जिला प्रशासन की ओर से शिवरात्रि की पूजा के लिए विशेष नियमों के साथ मंदिरों के कपाट खोलने की अनुमति दी गई थी। मंदिरों में सुबह से ही शिवभक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने के लिए मास्क लगाकर मंदिरों में पहुंचे थे। शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए भगवान भोलेनाथ का जलाभषिक कर मन्नत मांगी। अधिकतर शिवभक्तों ने घर रहकर ही भगवान भोलेनाथ की पूजा की। वहीं मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से भी जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का कड़ाई के साथ पालन कराया गया। शिवभक्तों के हाथों को सैनिटाइज कराने के बाद एक-एक आदमी को ही मंदिर में प्रवेश दिया गया। कांवड़ पर रही रोक सावन मास की शिवरात्रि पर शिवालयों में शिवभक्तों के साथ-साथ कांवड़िए भी जलाभिषेक करने पहुंचते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते जिला प्रशासन की ओर से कांवड़ यात्रा व सामूहिक आयोजन पर रोक लगाई हुई है। शहर के प्रमुख मंदिरों में पुलिस बल की मौजूदगी में श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी के नियमों के साथ भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक किया। वहीं मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराने के लिए गोले भी बनाए गए थे तथा मुख्यद्वार पर शिवभक्तों के हाथों को सैनिटाइज कराने के बाद ही मंदिरों में प्रवेश दिया गया। इसके अतिरिक्त मंदिरों में घंटा बजाने तथा प्रसाद वितरण पर भी रोक लगाई गई थी। मुख्य गेट पर मौजूद पुजारी शिवभक्तों को जल्दी जल्दी जलाभिषेक कर बाहर आने का आग्रह कर रहे थे, जिससे अन्य शिवभक्तों को लाइन में ज्यादा देर नहीं खड़ा होने पड़े और मंदिर परिसर में ज्यादा भीड़ भी एकत्रित न हो। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार पिछले करीब चार माह से मंदिरों के कपाट बंद हैं जिन्हें जिला प्रशासन ने शिवरात्रि पर पूजा करने के लिए सुबह 5 से रात 10 बजे तक विशेष नियमों के साथ कपाट खोलने की अनुमति दी थी। कस्बों और गांवों के शिवालयों पर भी शिवभक्तों ने शारीरिक दूरी बनाकर जलाभिषेक किया।