सीमित रूटों पर ही दौड़ रहीं बसें
सीमित रूटों पर रोडवेज बसों के दौड़ने से स्थानीय डिपो को हर रोज आठ लाख रुपये का नुकसान हेा रहा है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : सीमित रूटों पर रोडवेज बसों के दौड़ने से स्थानीय डिपो को हर रोज 8 लाख रुपये का घाटा हो रहा है। डिपो अगर पूर्व की तरह सभी रूटों पर बसों को दौड़ाने लगे तभी इस घाटे से मुक्ति मिल सकती है। हालांकि अभी तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए यह संभव नजर नहीं आ रहा है, जिसके चलते विभागीय घाटा लंबा चल सकता है। 50 बसों का हो रहा है संचालन लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद स्थानीय डिपो से आधा दर्जन रूटों पर ऑनलाइन माध्यम से टिकटों की बुकिग करके बसों का संचालन शुरू किया गया था। वहीं अनलॉक-1 में परिवहन सेवाओं की छूट का दायरा बढ़ने से डिपो से लोकल रूटों के साथ-साथ अंतरराज्यीय व राज्यीय रूटों पर भी बसों का संचालन शुरू हुआ था लेकिन सवारियों के अभाव में अब सीमित रूटों पर बसों का संचालन हो रहा है। वर्तमान में डिपो से हर रोज 50 बसों का संचालन किया जा रहा है, जिसके चलते डिपो को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन रूटों पर हो रहा है बसों का संचालन डिपो से वर्तमान में महेंद्रगढ़, नारनौल, गुरुग्राम, पंचकुला, आगरा, मथुरा, जयपुर, नूंह, रोहतक, दादरी-भिवानी-हिसार, बावल, कोसली, पटौदी, कोटकासिम रूटों पर बसों का संचालन हो रहा है। अनलॉक-1 में छूट मिलने के बाद करीब दो दर्जन रूटों पर बसों का संचालन शुरू किया गया था लेकिन धीरे-धीरे सवारियों के अभाव में बसों का संचालन सीमित रूटों तक ही सिमट गया है। महेंद्रगढ़, नारनौल, गुरुग्राम, पंचकुला, हिसार व कोसली रूटों को छोड़ दिया जाए तो बाकी रूटों पर सवारियों की संख्या कम ही है। कोविड-19 के चलते परिवहन विभाग ने 30 सवारियों के साथ ही बसों का संचालन करने की अनुमति दी हुई हैं। नुकसान झेल रहा है डिपो वर्तमान में डिपो से सीमित रूटों पर ही बसों का संचालन हो रहा है, जिसमें प्रतिदिन 7 से 8 हजार सवारियां ही यात्रा कर रही हैं। कोरोना से पहले डिपो से हर रोज करीब 125 बसों का संचालन किया जाता था, जिससे डिपो को प्रतिदिन करीब 10 लाख रुपये की आमदनी होती थी। अब बसों का संचालन कम होने तथा सवारियों की संख्या घटने के कारण डिपो की कमाई 10 लाख रुपये से घटकर 2 लाख रुपये पर पहुंच गई है जिसके चलते डिपो को करीब 8 लाख रुपये प्रतिदिन घाटा हो रहा है। दिन-प्रतिदिन यह घाटा और भी बढ़ता ही जा रहा है।
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परिवहन व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। जिस भी रूट पर बसों की मांग आती है वहां पर बसों को भेजा रहा है। खाली बसों को घुमाने से डिपो को नुकसान ही होना है। कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार ही बसों का संचालन किया जा रहा है।
- नवीन कुमार, महाप्रबंधक रोडवेज