कोरोना के गंभीर रोगियों में कारगर है प्लाज्मा थेरेपी
कोरोना संक्रमण से बचाव व कोरोना होने के पश्चात कौन सा उपचार हो विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : कोरोना संक्रमण से बचाव व कोरोना होने के पश्चात कौन सा उपचार ज्यादा कारगर है विषय पर रेवाड़ी ऑब्स गायनी सोसायटी व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सोमवार को वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें चंडीगढ़ पीजीआइ के रक्त एवं प्लाज्मा विभाग प्रमुख डॉ. आरआर शर्मा विशेष तौर पर मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि कोई भी कोरोना मरीज तीस दिन बाद अपना प्लाज्मा दान कर सकता है। आपातकाल में 14 दिन बाद भी प्लाज्मा दान किया जा सकता है लेकिन दान करने वाले के रक्त में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज पायी जानी आवश्यक है। मधुमेह रोगी की भी अगर शुगर नियंत्रण में है तो प्लाज्मा दे सकते हैं। प्लाज्मा लेने से पूर्व एंटीबॉडी की जांच करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कोरोना पीड़ित की प्लाज्मा के माध्यम से जान बचाई जा सकती है। ऑब्स गायनी सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. सीमा मित्तल ने बताया कि स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों का एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है जिसमें प्लाज्मा के संबंध में जानकारियां साझा की जा रही है। डाक्टर्स फोर सोसायटी के संयोजक डॉ. घनश्याम मित्तल ने कहा कि कोरोना से ठीक होने वाले लोग अपना प्लाज्मा दान करें ताकि कोरोना रोगियों को बचाया जा सके। आइएमए के प्रधान डॉ. अशोक सैनी ने कहा कि कोरोना से बचाव बेहद आवश्यक है तथा कोरोना पॉजिटिव के उपचार को लेकर भी अब मेडिकल साईंस काफी आगे बढ़ गई है।