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कंपनी का अता-पता नहीं, शहर में गुल है सैकड़ों स्ट्रीट लाइटें

चंडीगढ़ की कंपनी गायब रेवाड़ी हुआ परेशान। स्ट्रीट लाइटों के मामले में शहर के हालात इन दिनों ऐसे ही कुछ हो रहे हैं। स्थानीय शहरी निकाय विभाग की ओर से इस बार कुछ जिलों में स्ट्रीट लाइट का जिम्मा चंडीगढ़ की कंपनी को सौंपा गया था। कंपनी ने जिस सब एजेंसी को काम सौंपा था उसने करीब तीन महीने तो शहर में काम किया लेकिन अब बीते 15 दिनों से कंपनी के का¨रदे काम नहीं कर रहे हैं। शहर में सैकड़ों की तादाद में स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हुई है लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है। बताया जा रहा है कि सब एजेंसी के लाखों रुपये कंपनी की तरफ बकाया है जिसके चलते काम बंद कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 05:36 PM (IST)Updated: Sun, 24 Feb 2019 05:36 PM (IST)
कंपनी का अता-पता नहीं, शहर में गुल है सैकड़ों स्ट्रीट लाइटें

अमित सैनी, रेवाड़ी

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चंडीगढ़ की कंपनी गायब, रेवाड़ी हुआ परेशान। स्ट्रीट लाइटों के मामले में शहर के हालात इन दिनों ऐसे ही कुछ हो रहे हैं। स्थानीय शहरी निकाय विभाग की ओर से इस बार कुछ जिलों में स्ट्रीट लाइट का जिम्मा चंडीगढ़ की कंपनी को सौंपा गया था। कंपनी ने जिस सब एजेंसी को काम सौंपा था, उसने करीब तीन महीने तो शहर में काम किया, लेकिन अब बीते 15 दिनों से कंपनी के का¨रदे काम नहीं कर रहे हैं। शहर में सैकड़ों की तादाद में स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हुईं हैं, लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है। बताया जा रहा है कि सब एजेंसी के लाखों रुपये कंपनी की तरफ बकाया है, जिसके चलते काम बंद कर दिया गया है। अब किससे करें शिकायत, यह तक पता नहीं

स्थानीय शहरी निकाय विभाग की ओर से स्ट्रीट लाइट के सिस्टम को केंद्रीयकृत व सरल बनाने के लिए इस बार चंडीगढ़ से ही स्ट्रीट लाइटों का टेंडर छोड़ा गया था। नवंबर में निजी कंपनी ने रेवाड़ी में सब एजेंसी से काम शुरू करा दिया था। संबंधित कंपनी को शहर में 10,263 लाइटों का टेंडर दिया गया था। कंपनी ने टेंडर लेने के बाद कुछ लाइटों को तो एलईडी में परिवर्तित किया है, लेकिन अभी ज्यादातर लाइटों को तो बदला भी नहीं गया है। अब बीते 15 दिनों से सब एजेंसी के का¨रदों ने काम करना तो क्या फोन उठाना भी बंद कर दिया है। कंपनी की तरफ से टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया था। टोल फ्री नंबर पर शिकायतें दर्ज तो हो रही है, लेकिन उनका समाधान नहीं हो रहा। अब बड़ी समस्या पूर्व पार्षदों की है जिनके पास लोग बंद लाइटों की शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं। किसी को यह समझ ही नहीं आ रहा कि शिकायतें कराए तो कहां पर कराएं। टेंडर ऊपर से, अधिकारियों की भी सुनवाई नहीं

इधर तमाम शिकायतें मिलने के बावजूद भी नगर परिषद के अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं। उनकी माने तो टेंडर सीधे चंडीगढ़ से छूटा हुआ है, इसलिए कंपनी उनके प्रति जवाबदेही भी नहीं रखती।

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मेरे वार्ड में 50 से अधिक स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हुईं हैं। न अधिकारी सुन रहे हैं और न ही कर्मचारी। वार्ड अंधेरे में डूबा हुआ है। शिकायत कहां पर करें कम से कम यह तो सुनिश्चित होना ही चाहिए।

-प्रमिला भार्गव, पूर्व पार्षद

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स्ट्रीट लाइट का जब से टेंडर छूटा है, तब से कोई सुनवाई ही नहीं है। लाइटों को बदला जाना था, लेकिन मेरे वार्ड में एक भी लाइट नहीं बदली गई है। 60 के लगभग लाइटें खराब ही पड़ी हुई हैं।

-पूनम यादव, पूर्व पार्षद

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मेरे वार्ड के हर मोहल्ले में स्ट्रीट लाइटें खराब है। कंपनी के का¨रदो ने काम करना ही बंद कर दिया है। शहर अंधेरे में है और सुनवाई कोई हो नहीं रही।

-पूनम सतीजा, पूर्व पार्षद

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मेरी कंपनी की तरफ 25 लाख से अधिक की पेमेंट बकाया है। कोई सुनवाई ही नहीं हो रही। कंपनी वाले भी अब फोन नहीं उठा रहे, इसलिए अब काम बंद कर दिया गया है।

-धर्मेंद्र कुमार, सब एजेंसी होल्डर, पलवल।

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स्ट्रीट लाइट का टेंडर चंडीगढ़ से ही छोड़ा गया था। कंपनी के का¨रदे काम नहीं कर रहे हैं। कोई समस्या है तो हमें बताए, उसका समाधान होगा। लेकिन हमसे भी संपर्क नहीं साधा जा रहा है।

-मनोज यादव, ईओ नप।


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