Tiddi Dal Attack: 8 किलोमीटर लंबे व 3 किलोमीटर चौड़े टिड्डी दल से बढ़ी दहशत, स्प्रे शुरू
Tiddi Dal Attack टिड्डी दल पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जिले के गांव बेरली में टिड्डी दल पर स्प्रे शुरू कर दिया है।
रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। Tiddi Dal Attack: टिड्डी दल के हमले से देशभर के किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। उत्तर भारत के कई राज्यों में टिड्डियां पहुंच गई हैं। उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में टिड्डियों ने हमला कर दिया है। इस बीच दिल्ली से सटे हरियाणा के रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में भी टिड्डी दल पहुंचा है। इसके बाद प्रशासन ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जिले के गांव बेरली में टिड्डी दल पर स्प्रे शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार शाम को नारनौल की ओर से 8 किलोमीटर लंबा व 3 किलोमीटर चौड़ा टिड्डी दल रेवाड़ी जिले में प्रवेश कर गया था। खोल खंड के विभिन्न गांवों से गुजरता हुआ यह दल जाटूसाना क्षेत्र में पहुंचा था और शुक्रवार रात को टिड्डी दल ने यहां के विभिन्न गांवों में पेड़ों पर रात्रि पड़ाव डाला था। इसके बाद शनिवार सुबह होने ही पहले से ही अलर्ट जिला प्रशासन ने पेड़ों पर बैठी टिड्डियों पर स्प्रे कराना शुरू कर दिया है।
जानिएं- टिड्डी दल के बारे में
- टिड्डी दल ओमान के रेगिस्तानों में भारी बारिश के बाद तैयार होते हैं। ये अपनी उड़ान क्षमता के चलते कहीं भी आने-जाने में समर्थ होती हैं।
- टिड्डियों के जन्म को लेकर बताया जाता है कि हिंद महासागर में भी साइक्लोन आने से रेगिस्तान में बारिश होने लगती है, इस वजह से भी टिड्डियां पैदा होती हैं।
- टिड्डी दलों के पास उड़ने की असीम क्षमता होती है और फसलों को कुछ ही देर में चट कर जाते हैं।
- रेगिस्तानी टिड्डियां (Schistocerca gregaria) सबसे खतरनाक मानी जाती हैं और खेती को बर्बाद कर देती हैं।
जुलाई-अक्तूबर के बीच टिड्डियों के हमले बढ़ जाते हैं।
- पाकिस्तान से होते हुए अप्रैल महीने के बीच टिड्डियों ने राजस्थान में प्रवेश किया था। इसके बाद से टिड्डियों के हमले पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र तक हो चुके हैं। इनमें मध्य प्रदेश के किसान काफी प्रभावित हुए हैं।