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Rewari Factory Blast: झुलसे श्रमिकों में से तीन और ने दम तोड़ा, मरने वालों की संख्या 10 पहुंची

औद्योगिक कस्बा धारूहेड़ा स्थित लाइफलॉन्ग फैक्ट्री में 16 मार्च को शाम करीब पौने सात बजे ब्लास्ट होने से करीब 40 श्रमिक झुलस गए थे। ब्लास्ट होने से आग लग गई और चारों ओर धुआं फैल गया। बलास्ट के बाद पाइपों से निकले कैमिकल से श्रमिकों के शरीर बुरी तरह झुलस गए। अब इसमें तीन और श्रमिकों की मौत हो गई। इस तरह इसमें मरनेवालों की संख्या 10 हो गई।

By Satyendra Singh Edited By: Sonu Suman Published: Sat, 23 Mar 2024 06:17 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2024 06:17 PM (IST)
Rewari Factory Blast में झुलसे श्रमिकों में से तीन और ने दम तोड़ा, मरने वालों की संख्या 10 पहुंची।

संवाद सहयोगी, धारूहेड़ा (रेवाड़ी)। लाइफ लॉन्ग फैक्ट्री में लगे डस्ट कलेक्टर की प्रेशर पाइप में हुए धमाके के बाद लगी आग से झुलसे तीन और श्रमिकों ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। इसके बाद हादसे में मरने वाले श्रमिकों की संख्या दस हो गई।

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तीनों श्रमिक उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला के रहने वाले हैं। इनका इलाज पीजीआई रोहतक में चल रहा था। वहीं आठ अन्य श्रमिकों की हालत गंभीर बनी हुई जिसमें से चार दिल्ली के सफदरजंग और चार पीजीआइ रोहतक में भर्ती हैं।

हादसे में अब तक 10 मजदूरों की मौत

16 मार्च की शाम हुए ब्लास्ट में करीब 39 श्रमिक झुलसे थे। इनमें से अब तक दस की मौत हो चुकी है। रोहतक स्थित पीजीआई में भर्ती उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला के तरबगंज के रहने वाले मनोज कुमार बहराइच के कपूरपुर गांव के देवेश तथा घनश्याम की मौत हुई है। तीनों सत्तर प्रतिशत से अधिक झुलसे हुए थे। जीवन रक्षक प्रणाली के सहारे इलाज कर डॉक्टरों ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।

हादसे के बाद 16 मार्च की रात को 23 श्रमिकों को पीजीआई रोहतक रेफर किया गया था। बाद से चार मरीजों की ज्यादा हालत गंभीर होने पर रोहतक से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। सफदरजंग अस्पताल में दो तथा पीजीआई में आठ श्रमिकों की मौत हो चुकी है।

घर का चिराग बुझ गया

बृहस्पतिवार को मौत को शिकार हुए गोंडा के तरबगंज के रहने वाले देवानंद के पिता रामगरीब बेटे का शव देख कर बिलख उठे। देवानंद इकलौते पुत्र थे। पिता की मदद करने के लिए वह एक साल पहले ही धारूहेड़ा नौकरी करने के लिए आए थे। हादसे की सूचना पाकर रामगरीब रोहतक आए और वहां से धारूहेड़ा चले आए थे। यहीं रहकर वह उम्मीद लगाए थे कि डॉक्टर उनके घर के चिराग की जान बचा लेंगे। पर ऐसा हो नहीं पाया।

देवानंद श्रमिक ठेकेदार शिव की ओर से फैक्ट्री में लगे थे। उन्हें तथा अन्य श्रमिकों को काम के हिसाब से मानदेय मिलता था। पीस की फिनिसंग करने का कार्य करते थे। पीस के अनुसार 35 से 40 पैसे प्रति पीस के हिसाब से मानदेय मिलता था। वह होली पर गांव जाने के लिए तैयारी कर चुके थे पर उससे पहले ही हादसा हो गया।

उपायुक्त ने ली बैठक

बतातें हैं कि धारूहेड़ा में हुए हादसे को लेकर उपायुक्त राहुल हुड्डा ने उद्योगपतियों के साथ बैठक की और साफ कहा गया है सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। श्रमिक सुरक्षा पर बल देना जरूरी है। बैठक के दौरान कुछ फैक्ट्री संचालकों ने कहा हादसा किसी की लापरवाही से नहीं हुआ लेकर ठेकेदार कंपनी प्रबंधन से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी जांच पूरी होने तक नही हो।

वहीं दूसरी ओर यूनियन कर्मचारी ठेकेदार व फैक्ट्री संचालक मालिक की गिरफ्तार की मांग कर रहे है। वहीं हादसे की शिकायत करने वाले राजकुमार ने 21 मार्च को रेवाड़ी अस्पताल से घर भेज दिया गया। राजकुमार के बयान पर शिवम ठेकेदार व कंपनी प्रबंधन पर मामला दर्ज किया गया था।

कर्मचारियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए डस्ट कलेक्टर लगवाया था। हादसा कैसे हुआ इसकी जांच करवाई जा रही हैं आशंका है। शार्ट सर्किट से हादसा हुआ है। घायलों तथा मरने वाले श्रमिकों का कंपनी प्रबंधन आर्थिक मदद कर रहा है। - सुभाष राणा, महाप्रबंधक, लाइफ लांग कंपनी धारूहेड़ा

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