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होमवर्क नहीं किया तो आठवीं का छात्र स्कूल की बजाय पहुंचा वाटर टैंक, डूबने से मौत

होमवर्क नहीं किया था इसलिए आठवीं कक्षा का छात्र स्कूल जाने की बजाय गांव कालका स्थित वाटर टैंक पर पहुंच गया। वहीं पर अपने एक दोस्त को भी उसने बुला लिया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 01:52 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 01:52 PM (IST)
होमवर्क नहीं किया तो आठवीं का छात्र स्कूल की बजाय पहुंचा वाटर टैंक, डूबने से मौत
होमवर्क नहीं किया तो आठवीं का छात्र स्कूल की बजाय पहुंचा वाटर टैंक, डूबने से मौत

रेवाड़ी, जेएनएन। होमवर्क नहीं किया था इसलिए आठवीं कक्षा का छात्र स्कूल जाने की बजाय गांव कालका स्थित वाटर टैंक पर पहुंच गया। वहीं पर अपने एक दोस्त को भी उसने बुला लिया। छात्र वाटर टैंक में नहाने के लिए उतर गया तथा तैरना नहीं आने के कारण डूबने से उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस व गोताखोरों ने छात्र को बाहर निकाला तथा अस्पताल लेकर गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामले में सामान्य कार्रवाई की है।

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फोन करके बुलाया था दोस्त को
शहर की उत्तम नगर कॉलोनी का रहने वाला मयंक दिल्ली रोड स्थित एक निजी स्कूल की आठवीं कक्षा में पढ़ता था। मयंक मंगलवार को घर से स्कूल जाने के लिए निकला था लेकिन वहां नहीं पहुंचा तथा गांव कालका में बने हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के वाटर टैंकों के पास जाकर बैठ गया। मयंक ने अपने दोस्त उत्तम नगर के निकट ही स्थित झाबर की ढाणी निवासी नवनीत को फोन किया।

दोस्‍त को डूबते देख मांगी मदद
मयंक ने नवनीत को बताया कि उसने होमवर्क नहीं किया है, इसलिए आज वह स्कूल नहीं गया तथा कालका स्थित वाटर टैंक के पास बैठा हुआ है। दोस्त के बुलावे पर नवनीत भी वहां पहुंच गया। कुछ देर बाद मयंक वाटर टैंक में नहाने के लिए उतर गया लेकिन नवनीत नहीं उतरा। तैरना नहीं आने के कारण मयंक पानी में डूबने लगा तो नवनीत वाटर टैंक पर मौजूद कर्मचारियों के पास पहुंचा तथा बताया कि उसका दोस्त पानी में डूब रहा है। मौजूद कर्मचारियों ने तुरंत ही पुलिस को फोन किया।

गोताखोर ने मयंक को निकाला बाहर
पुलिस व गोताखोर मौके पर पहुंचे तथा मयंक को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। मयंक को तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

काश कोई होता जो समय पर निकाल लेता मयंक को
वाटर टैंक में मयंक जब डूबने लगा तभी उसके दोस्त नवनीत को पता चल गया था तथा वह मददगार की तलाश कर रहा था। आसपास कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था जिसे तैरना आता हो। पुलिस व गोताखोरों ने जब तक मयंक को निकाला तब तक वह जिंदगी की जंग हार चुका था। काश कोई आसपास होता और हाथों हाथ मयंक को निकाल लेता तो उसकी जिंदगी बच जाती।

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