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Lok Sabha Election 2024: कहानी चौधरी बंसीलाल की, खुद जीप चलाकर करते थे चुनाव प्रभार; सबसे कम उम्र में बने हरियाणा के CM

हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल एक करिश्माई नेता थे। उन्होंने चार बार हरियाणा के सीएम का पदभार संभाला। सात बार विधानसभा चुनाव जीता। इसके अलावा लोकसभा और राज्यसभा में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। केंद्र में रक्षा और परिवहन मंत्री भी रहे। उनका चुनाव प्रचार करने का तरीका भी बेहद अलग था। वे हमेशा खुली जीप खुद चलाकर अपना प्रचार करते थे।

By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkPublished: Wed, 20 Mar 2024 11:21 AM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2024 11:21 AM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: खुद जीप चलाकर वोट मांगते थे पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल।

बलवान शर्मा, नारनौल। चार बार हरियाणा की कमान संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल का चुनाव प्रचार करने का तरीका कुछ जुदा था। वह खुद चलाकर खुली जीप में चुनाव प्रचार करते थे। वह चुनाव प्रचार के दौरान गांव की चौपाल पर ही वोट मांगते थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में शायद ही किसी के घर जाकर वोट मांगे हों।

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भिवानी में वकालत करते हुए किसान नेता बने बंसीलाल ने कांग्रेस की कई स्थानीय समितियों में भी स्थान बना लिया और 31 मई 1968 को वह 41 वर्ष की आयु में सबसे कम उम्र के राज्य के मुख्यमंत्री बने। उस समय किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि वह देश के सबसे शक्तिशाली राजनेताओं में से एक बनकर उभरेंगे। देश के राजनीतिक मानचित्र पर उन्होंने इतना ज्यादा प्रभाव डाला कि वह केंद्रीय रक्षा और रेल मंत्री भी बने। राजनीति में उन्होंने उतार-चढ़ाव तो जरूर झेला, पर हरियाणा की राजनिती से कभी बाहर नहीं हुए।

हरियाणा के तीसरे मुख्यमंत्री बने थे बंसीलाल

बंसीलाल 1968, 1972, 1986 और 1996 में चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। वह भगवत दयाल शर्मा और राव बीरेंद्र सिंह के बाद हरियाणा के तीसरे मुख्यमंत्री थे। वह 31 मई 1968 को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और उस पद पर 13 मार्च 1972 तक बने रहे। 14 मार्च 1972 को उन्होंने दूसरी बार प्रदेश की कमान संभाली और 30 नवंबर 1975 तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। उन्हें 5 जून 1986 से 19 जून 1987 तक तीसरी बार और 11 मई 1996 से 23 जुलाई 1999 तक चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला।

गांवों तक सड़क और पानी पहुंचाने का श्रेय

1966 में हरियाणा के गठन के बाद राज्य का अधिकांश औद्योगिक और कृषि विकास, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे का निर्माण उनकी अगुआई के कारण ही हुआ। वह 1967, 1968, 1972, 1986, 1991 और 2000 में सात बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। साठ के दशक के अंत में और सत्तर के दशक में मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उनको हरियाणा में सभी गांवों में बिजली, सड़क और पानी पहुंचाने का श्रेय जाता है। वह राज्य में राजमार्ग पर्यटन के अग्रदूत माने जाते थे। उनके मॉडल को बाद में कई राज्यों ने अपनाया। वह हमेशा वास्तविकता के करीब थे और समुदाय के उत्थान में उन्होंने गहरी दिलचस्पी ली।

राजनीतिक जीवन के पदभार

  • 1968 में वह हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और 1975 तक रहने के बाद इंदिरा गांधी ने उन्हें रक्षामंत्री बना दिया
  • बंसीलाल 31 मई 1968 को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और 13 मार्च, 1972 तक पद पर रहे
  • उनको 14 मार्च 1972 को दूसरी बार राज्य में शीर्ष पद मिला और 30 नवंबर, 1975 तक पद पर बने रहे
  • बंसीलाल 5 जून, 1986 से 19 जून, 1987 तक और 11 मई, 1996 से 23 जुलाई, 1999 तक तीसरी व चौथी बार मुख्यमंत्री बने

हारने के बाद शुरू हुई जांच... मगर कुछ सिद्ध नहीं हुआ

1977 के चुनाव में जनता पार्टी की विजय के बाद चुनाव में हारे बंसीलाल पर सौ से अधिक आरोप लगाकर उनकी जांच कई कमीशन को सौंपी गई। किंतु कुछ सिद्ध नहीं किया जा सका और 1980 के चुनाव में कांग्रेस की विजय के बाद सभी जांच समाप्त हो गईं। अपने मुख्यमंत्री काल में बंसीलाल ने हरियाणा में कृषि, सिंचाई, विद्युत, शिक्षा, स्वास्थ्य और यातायात के क्षेत्र में काफी काम किया।

हिसार कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रहे बंसीलाल

बंसीलाल 1957 से 1958 तक बार एसोसिएशन, भिवानी के अध्यक्ष रहे। वह 1959 से 1962 तक जिला कांग्रेस कमेटी, हिसार के अध्यक्ष थे और बाद में वह कांग्रेस कार्यकारिणी समिति तथा कांग्रेस संसदीय बोर्ड के सदस्य बने। वह 1958 से 1962 के बीच पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्य थे। वह 1980-82 के बीच संसदीय समिति और सरकारी उपक्रम समिति और 1982-84 के बीच प्राक्कलन समिति के भी अध्यक्ष थे।

कांग्रेस से अलग होकर बनाई हरियाणा विकास पार्टी

31 दिसंबर 1984 को वह रेल मंत्री और बाद में परिवहन मंत्री बने। वह 1960 से 2006 और 1976 से 1980 तक राज्यसभा के सदस्य थे। वह 1980 से 1984, 1985 से 1986 और 1989 से 1991 तक लोकसभा के सदस्य थे। 1996 में कांग्रेस से अलग होने के बाद, बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी की स्थापना की एवं शराब बंदी के उनके अभियान ने उन्हें उसी वर्ष विधानसभा चुनाव में सत्ता में स्थापित कर दिया।

पीयू से हासिल की कानून की डिग्री

भिवानी जिले के गोलागढ़ गांव में जन्मे इस हरियाणा के कद्दावर नेता को आज भी लोग सम्मान के साथ याद करते हैं। बंसीलाल का जन्म हरियाणा के भिवानी जिले की तत्कालीन लोहारू रियासत में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। उन्होंने 1952 तक प्राइवेट परीक्षाएं देते हुए स्नातक पास कर लिया। फिर उन्होंने 1956 में पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) से कानून की डिग्री हासिल की।


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