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Rewari: खेतों के साथ-साथ किसानों की किस्मत पर भी पड़े ओले, सरसों के बाद गेहूं की फसल में नुकसान;

शुक्रवार को एक बार फिर से ओले बरसे। यह ओले सिर्फ खेतों में नहीं बल्कि किसान की किस्मत पर भी बरस रहे थे। छह दिनों में दूसरी बार फसल पर ओलों की मार पड़ी है। ओलावृष्टि व वर्षा से पहले जहां सरसों की फसल बर्बाद हुई थी।

By krishan kumarEdited By: Abhi MalviyaFri, 24 Mar 2023 08:16 PM (IST)
Rewari: खेतों के साथ-साथ किसानों की किस्मत पर भी पड़े ओले, सरसों के बाद गेहूं की फसल में नुकसान;
छह दिनों में दूसरी बार फसल पर ओलों की मार पड़ी है।

रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। रामजी इब कै मारके ही छोड़ेगा। शुक्रवार को एक बार फिर से ओले बरसे। यह ओले सिर्फ खेतों में नहीं बल्कि किसान की किस्मत पर भी बरस रहे थे। छह दिनों में दूसरी बार फसल पर ओलों की मार पड़ी है। ओलावृष्टि व वर्षा से पहले जहां सरसों की फसल बर्बाद हुई थी। वहीं, अब गेहूं की फसल भी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है।

खरसानकी गांव का किसान बीरसिंह जब होठों को हिलाता हुआ अपनी बर्बादी पर कह रहा था कि रामजी इब कै मारके ही छोड़ेगा तो यह सिर्फ अकेले बीरसिंह की आवाज नहीं थी बल्कि उन किसानों के दिल से निकली चीख थी जिनके खेतों में लगातार हो रही वर्षा और ओलावृष्टि के कारण फसल बर्बाद हो रही है। लगातार हो रही वर्षा और ओलावृष्टि के कारण पहले जहां 40 प्रतिशत से अधिक सरसों में नुकसान हो चुका है वहीं अब गेहूं की खड़ी फसल भी बर्बाद हो रही है।

सुबह वर्षा और शाम को गिरे ओले

शुक्रवार को सुबह से ही मौसम का बदलता मिजाज सामने आ गया था। काली घटाएं छाई हुई थी। सुबह के समय सात बजे से ही वर्षा का दौर शुरू हो गया था। दस बजे तक रुक रुक कर वर्षा होती रही। वर्षा आने से ही किसानों के हाथ पांव फूले हुए थे क्योंकि खेतों में पकी खड़ी गेहूं की फसल बिछनी शुरू हो गई थी। देर शाम को करीब सवा छह बजे मौसम एक बार फिर से बदला और अबकी बार कहर लेकर आया।

शाम को वर्षा ही नहीं बल्कि जमकर ओलावृष्टि हुई। काफी बड़े-बड़े ओले गिरे जिससे किसानों की फसल काफी हद तक बर्बाद हुई है। देर शाम तक मिली जानकारी के अनुसार जिले के गांव खड़गवास, रसूली, बास बटोड़ी, गोकलगढ़, नांगल मूंदी, चौकी नंबर दो, देहलावास, गुलाबपुरा, बोडिया कमालपुर, भठेड़ा, नया गांव दौलतपुर, मांढैया कलां, बालावास अहीर सहित अन्य गांवों में ओलावृष्टि के कारण फसल खराब हुई।

कटी फसल और खड़ी फसल दोनों में ही नुकसान

जिले में रबी की दो ही महत्वपूर्ण फसल होती है, सरसों और गेहूं। करीब 71 हजार हेक्टेयर में सरसों की बिजाई हुई थी और 38 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल खड़ी थी। 18 मार्च से वर्षा का दौर आरंभ हो गया था। पहले दिन से किसानों की फसल में नुकसान हो रहा है। 18 मार्च के बाद 19 मार्च को हुई ओलावृष्टि के कारण सरसों की फसल में खासा नुकसान हुआ, जो फसल काटकर खेतों में डाली गई थी वह तथा जो सरसों कट नहीं पाई थी उसमें भी नुकसान हुआ।

करीब 40 प्रतिशत सरसों की फसल वर्षा और ओलावृष्टि से प्रभावित हुई थी। अब तक करीब बारह हजार किसान सरसों की फसल में हुए नुकसान की जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को दे चुके हैं। यह तो वह किसान है जिनकी फसल का बीमा है। बिना बीमा वाले किसानों की तादाद भी अच्छी खासी है जिन्होंने सरकार के पोर्टल पर फसल नुकसान की जानकारी दी है। सरसों के नुकसान का आंकड़ा अभी पूरा भी नहीं हो पाया और अब गेहूं की फसल भी बर्बादी के कगार पर है।

गेहूं की अगेती फसल की कटाई शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को वर्षा व ओलावृष्टि के कारण जो फसल काटकर खेतों में छोड़ी गई थी वह जलमग्न हो गई। वहीं जो फसल नहीं कटी है वह ओलों के कारण बिछ गई। इसके कारण किसानों का नुकसान ही नुकसान है। झुकी और भीगी हुई गेहूं की फसल का दाना बेहद कमजोर होगा। उत्पादन पर भी काफी असर पड़ना तय है। ओले से दाने भी निकल गए।

मंडी तक फसल पहुंचाना ही बना मुसीबत

किसानों के लिए अपनी फसल को मंडी तक पहुंचाना ही मुसीबत बन गया है। सरसों की फसल बार-बार भीग जाने के कारण गीली है। गीली फसल को मंडी में लेकर गए तो कोई भाव मिलना नहीं है। 18 मार्च से लेकर शुक्रवार तक बीच-बीच में एक दो दिन ही धूप निकली है। किसान अपनी फसल को सुखाने के लिए खेतों में डालते हैं और तभी फिर से वर्षा हो जाती है। ऐसे में किसान फसल लेकर मंडी तक नहीं पहुंच पा रहा है। सरकारी खरीद भी शुरू नहीं हो पा रही है। आढ़तियों की मानें तो फसल खरीद वर्षा के कारण 15 दिन लेट हो गई है।

72 घंटे के अंदर दें किसान नुकसान की सूचना

जिन किसानों की फसल में नुकसान हुआ है उन्हें 72 घंटे के अंदर फार्म भरकर कृषि विभाग को देना होगा। इसमें अनाज का विवरण, कितने क्षेत्र में खेती हुई, किस कंपनी से बीमा कराया हुआ है, कितनी फसल की कटाई की और कितनी खेतों में थी आदि जानकारी देनी होगी।

शनिवार-रविवार को भी खुला रहेगा कार्यालय

कृषि उपमंडल अधिकारी दीपक यादव ने बताया कि जिन किसानों के खेतों में ओलावृष्टि के कारण नुकसान हुआ है वह कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में आकर सूचना दें। शनिवार और रविवार को भी कृषि विभाग का कार्यालय खुला रहेगा।