मिशन-2019: 17 हजार बूथों पर मंथन करेगी भाजपा
मिशन-2019 के लिए भाजपा ने ठोस रणनीति तैयार की है। इस रणनीति को सिरे चढ़ाने के लिए पार्टी के प्रदेश स्तर से लेकर जिला व मंडल स्तर के पदाधिकारियों को अब से लेकर दिसंबर तक भी दम मारने की फुर्सत नहीं मिलेगी। कांग्रेस जहां जिला व खंड स्तर पर संगठन खड़ा नहीं कर पाई है वहीं भाजपा ने अगली पारी के लिए प्रदेश के सभी 1701
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी
मिशन-2019 के लिए कांग्रेस जहां जिला व खंड स्तर पर संगठन खड़ा नहीं कर पाई है वहीं भाजपा ने अगली पारी के लिए प्रदेश के सभी 17018 बूथों पर मंथन की कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया है। प्रदेश के प्रत्येक बूथ पर पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता व पदाधिकारी दो दिन व एक रात्रि का प्रवास करेंगे। दिसंबर तक हर बूथ पर जाकर 'बूथ जीतो-चुनाव जीतो' का मंत्र फूंका जाएगा।
बूथ मैनेजमेंट की कार्ययोजना सिरे चढ़ाने के लिए जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। मनोहर सरकार की चौथी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 28 अक्टूबर को करनाल में विशाल रैली में विधिवत चुनावी शंखनाद की तैयारी भी साथ-साथ चल रही है, लेकिन हर बूथ पर शक्ति बढ़ाने का लक्ष्य किसी भी सूरत में ढीला नहीं पड़ने दिया जाएगा। पार्टी को उन सीटों पर पहले से भी अधिक उम्मीद है जहां इस समय भाजपा का विधायक नहीं है, लेकिन अपने कब्जे वाली सीटों को भी पार्टी किसी सूरत में गंवाना नहीं चाहेगी। इसी को ध्यान में रखकर कमजोर कड़ियां खोजी जा रही हैं।
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प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक अहम
पिछले सप्ताह पंचकुला में दिसंबर तक की कार्ययोजना पर पार्टी की प्रदेश इकाई विचार-विमर्श कर चुकी है, लेकिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी के फैसलों पर अमल के लिए 13 सितंबर को रोहतक में होने वाली प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक व 14 सितंबर को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भी अहम रहेगी। रोहतक बैठक में इस बार लोकसभा प्रभारी, जिला प्रभारी व जिला प्रधान भी आमंत्रित किए गए हैं। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद सितंबर में ही जिला इकाइयों की बैठक होगी।
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सेवा के नाम रहेगा सितंबर
सितंबर माह सेवा के नाम रहेगा। पार्टी ने पदाधिकारियों को जिम्मा सौंप दिया है। 16 सितंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की मासिक पुण्यतिथि पर काव्यांजलि का विधानसभा स्तर पर आयोजन करवाने के अगले ही दिन से इस काम में जुटना है। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से लेकर आगामी 29 सितंबर तक पार्टी पदाधिकारियों को दलित व कमजोर वर्ग की बस्तियों में पहुंचना है। मेडिकल कैंप व स्वच्छता कैंप लगाने हैं।
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जब चुनाव निकट होते हैं तो चुनावी रणनीति भी बनानी पड़ती है। किसी भी संगठन की शक्ति बूथ में निहित रहती है। हमारे वरिष्ठ नेताओं ने भी बूथ स्तर तक रात्रि प्रवास की कार्ययोजना बनाई है।
-वीर कुमार यादव, प्रदेश प्रवक्ता