रेवाड़ी की ईशिता का चार्टेड अकाउंटेंट परीक्षा में देशभर में चौथा स्थान
-सीए के घोषित फायनल परीक्षा परिणामों में हासिल की उपलब्धि -भाई ने भी फाउंडेशन टेस्ट क्लीयर करके परिवार को दी दोहरी खुशी ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी: कामयाबी का कोई शार्टकट नहीं है। बस मेहनत करो और आगे बढ़ते रहो। यह कहना है चार्टेड अकाउंटेंट की परीक्षा में देशभर में चौथा रैंक हासिल करने वाली रेवाड़ी निवासी ईशिता अग्रवाल का। इस उपलब्धि के बाद ईशिता के परिवार में खुशी की लहर है। ईशिता का कहना है कि नियमित तौर पर पढ़ाई और लक्ष्य को केंद्र में रखकर आगे बढ़ने से ही उसने यह उपलब्धि हासिल की है।
ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी:
कामयाबी का कोई शार्टकट नहीं है। बस मेहनत करो और आगे बढ़ते रहो। यह कहना है चार्टेड अकाउंटेंट की परीक्षा में देशभर में चौथी रैंक हासिल करने वाली रेवाड़ी निवासी ईशिता अग्रवाल का। इस उपलब्धि के बाद ईशिता के परिवार में खुशी की लहर है। ईशिता का कहना है कि नियमित तौर पर पढ़ाई और लक्ष्य को केंद्र में रखकर आगे बढ़ने से ही उसने यह उपलब्धि हासिल की है।
बहन ने बढ़ाया मान, भाई ने सम्मान
शहर की नई अनाजमंडी निवासी राकेश अग्रवाल पेशे से आढ़ती है। ईशिता से बड़ी उनकी दो बहनें हैं तथा छोटा भाई रितेश अग्रवाल भी सीए की पढ़ाई कर रहा है। ईशिता ने 800 में से 572 अंक हासिल करके देशभर में चौथी रैंक हासिल की है। वर्ष 2014 में बारहवीं कक्षा में 96.4 प्रतिशत अंक हासिल करके वह पूरे अलवर जिला में टॉपर रही थी। दिल्ली विवि से उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई की है तथा वर्तमान में वह गुरुग्राम की एक निजी कंपनी में इंटर्नशिप कर रही है। रिजल्ट को देखने के बाद से ही ईशिता की खुशी का ठिकाना नहीं है। ईशिता का कहना है कि पिता राकेश अग्रवाल व मां अरुणा अग्रवाल के सहयोग से ही वह इस उपलब्धि को हासिल कर पाई है। तीन बहनों में वह इकलौती ऐसी रही जिसे घर से बाहर जाकर पढ़ाई करने का मौका मिला। खुशी इस बात की है कि माता पिता के विश्वास पर वह पूरी तरह से खरी उतर पाई। ईशिता के साथ ही उनके भाई रितेश ने भी परीक्षा दी थी। रितेश ने भी कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट पास किया है जिससे परिवार में दोहरी खुशी आई है। राकेश अग्रवाल का कहना है कि बेटी ने जो मान व सम्मान परिवार का बढ़ाया है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ईशिता का कहना है कि परीक्षा के दौरान वह 14 से 15 घंटे पढ़ाई करती थी जबकि बाकी दिन वह खुद के नोट्स बनाकर तैयारी करती थी।