युवा शक्ति की टीम बनी बीमार-जरूरतमंदों की हमदर्द
किसी के दुख में हमदर्दी के हाथ बढ़ते हैं तो पराये भी अपने बन जाते हैं।
ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी:
किसी के दुख में हमदर्दी के हाथ बढ़ते हैं तो पराये भी अपने बन जाते हैं। समाज में ऐसी ही युवाओं की टीम इन दिनों लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों के लिए हमदर्द बनी हुई है। विभिन्न सामाजिक संगठनों की तरह शहर के बास सिताबराय मोहल्ला की श्रीगणेश सेवा समिति की युवाओं की टीम जरूरतमंदों को भोजन खिलाकर पुण्य का काम कर रही है। सुबह 5 बजे से पहले उठना, सब्जी और पुरी तलना, इन्हें पैक करने के बाद थैले में भरकर अलग अलग दिशाओं में मोटरसाइकिल से निकलते हैं। सुबह 8 बजे से पहले टीम के सदस्य नागरिक अस्पताल व ट्रॉमा सेंटर में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को तो अन्य रेलवे और बस अड्डा क्षेत्र में साधु वेशधारी और गरीबों को भोजन के पैकेट वितरित करते हैं। इसी प्रकार विभिन्न झुग्गी झोपड़ियों और मंदिरों के आसपास बैठे जरूरतमंदों को भोजन खिलाकर ही लौटते हैं। लोग भी इनकी सेवाभाव को देखकर तारीफ किए बिना नहीं रहते। कभी 300, तो कभी बांटते हैं 200 पैकेट भोजन:
श्री गणेश सेवा समिति के उमेश भारद्वाज, बृजमोहन, मुकेश, संजय, राजीव, दीपक, संतोष देवी, सीता देवी ये लोग घर में अपने अपने यहां के राशन से ही पिछले 22 मार्च से भोजन तैयार कर वितरित कर रहे हैं। प्रतिदिन दो सौ से तीन सौ खाने के पैकेट तैयार कर लोगों को बांटते हैं। लॉकडाउन के दौरान वे सामाजिक दूरी बनाने के साथ पॉलिथीन का प्रयोग नहीं करने का भी संदेश देते हैं। सुखी सब्जी रोटियों के बीच रखकर कागज में लपेटकर लोगों के बीच पहुंचते हैं। इस मुहिम में इन लोगों के परिजन भी सहयोग करते हुए भोजन पकाने और पैक करने में मदद करते हैं। टीम के सदस्यों का कहना है कि कभी पूरी तो कभी रोटियां बनाकर जरूरतमंदों की मदद करने का प्रयास करते हैं। उनका मानना है कि किसी भी व्यक्ति की भूख से जान नहीं जाने देना प्रयास है।