Move to Jagran APP

हरि सिंह ने साथियों का बदला लेते हुए दिया बलिदान

फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा व रोष था। तक आतंकियों के खिलाफ चलाए गए सर्च अभियान में रेवाड़ी के सपुत हरि सिंह ने अपना योगदान दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 05:37 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 05:37 PM (IST)
हरि सिंह ने साथियों का बदला लेते हुए दिया बलिदान
हरि सिंह ने साथियों का बदला लेते हुए दिया बलिदान

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा व रोष था। सेना व अर्ध सैनिक बलों के जवानों की बाजुएं भी अपने साथियों की शहादत का बदला लेने के लिए फड़क रही थी। हमले के बाद सेना की ओर से आतंकियों के खिलाफ शुरू किया गया अभियान अभी तक जारी है तथा सेना के जवान चुन-चुन कर आतंकियों को मौत के घाट उतार रहे हैं। पुलवामा हमले के तुरंत बाद शुरू किए गए सर्च अभियान में शामिल जिले के गांव राजगढ़ निवासी सिपाही हरि सिंह अपने साथियों का बदला लेते हुए मातृभूमि के लिए शहीद हो गए थे। हरि सिंह सेना की 55 आरआर बटालियन में तैनात थे। मरणोपरांत शहीद हरि सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। 18 फरवरी को हुए थे शहीद पुलवामा हमले के पश्चात 18 फरवरी 2019 को पुलवामा के ही पिगलाना में सेना को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। सेना की ओर से सर्च अभियान शुरू किया गया था। इस सर्च आपरेशन में सिपाही हरि सिंह भी शामिल थे। मुठभेड़ के दौरान हरि सिंह शहीद हो गए थे। उनकी शहादत पर पूरे देश को गर्व है। स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल शहीद के घर पहुंचे थे। गांव में उनकी याद में स्मारक भी बनाया जा रहा है। जिदा पकड़े थे दो आतंकी हरि सिंह के दादा श्योलाल व पिता अगड़ी सिंह भी सेना में थे। साहस व राष्ट्रभक्ति उनके खून में थी। परिवार की सैन्य परंपरा को कायम रखते हुए हरि सिंह अप्रैल 2011 में सिपाही पद पर सेना में भर्ती हो गए। सेना की भर्ती देखने के दौरान उनके पिता का निधन हो गया था। पिता की मौत के बाद वे ही तीन बहनों, मां, पत्नी राधाबाई व दस माह का बेटे लक्ष्य का सहारा थे। हरि सिंह पहले भी अपने अदम्य साहस का परिचय दे चुके थे। नवंबर 2018 में सेना की ओर से चलाए गए सर्च अभियान के दौरान हरि सिंह ने लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को जिदा पकड़ा था, जिसके लिए सेना की ओर से उन्हें प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया था। राजस्थान की सीमा से सटा गांव राजगढ़ आज शहीद हरि सिंह के नाम से जाना जाता है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.