गायब हुए पहाड़ों की तलाश में जुटा प्रशासन
अरावली क्षेत्र में स्थित पहाड़ियों में अवैध खनन रोकने के प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। कभी हरियाली से आच्छादित पहाड़ियां अब अपनी वीरानी पर आंसू बहा रही है। अवैध खननकर्ताओं ने पहाड़ों का सीना चीरकर अपनी जेबें भर ली और कई पहाड़ों का नामोनिशान तक खत्म कर दिया। जोड़िया, गन्धोला, खोरी व कहरानी में अभी भी अवैध खनन चोरी-छिपे हो रहा है।
संवाद सहयोगी, भिवाड़ी (अलवर) अरावली क्षेत्र में स्थित पहाड़ियों में अवैध खनन रोकने के प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। कभी हरियाली से आच्छादित पहाड़ियां अब अपनी वीरानी पर आंसू बहा रही है। अवैध खननकर्ताओं ने पहाड़ों का सीना चीरकर अपनी जेबें भर ली और कई पहाड़ों का नामोनिशान तक खत्म कर दिया। जोड़िया, गंधोला, खोरी व कहरानी में अभी भी अवैध खनन चोरी-छिपे हो रहा है।
कोर्ट के आदेश पर खनन सहित अन्य विभाग फोरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआइ) की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वन विभाग व खनिज विभाग की ओर से खनन स्थलों की मौका रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है। खनिज विभाग की टीम ने पिछले सप्ताह बुधवार को क्षेत्र में सर्वे करवाया है जबकि वन विभाग के कर्मचारी बीते गुरुवार को जीपीआरएस के जरिये फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करवाने में जुटे हुए थे। डीएफओ अलवर आलोक गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2008-09 में जिले में चिह्नित 274 खनन स्थलों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कर मौका रिपोर्ट तैयार की रही करने में जुटे हैं।
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एफएसआइ ने दस साल पहले सेटेलाइट से करवाया था सर्वे
अवैध खनन के रूप में चर्चित अलवर जिले से पहाड़ों के गायब होने का मामला सामने आने के बाद फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) ने वर्ष 2008-09 में सेटेलाइट से हवाई सर्वेक्षण किया था। सर्वे में अलवर जिले में 274 खनन स्थलों को अवैध खनन के रूप में चिह्नित किया था। खनिज विभाग को एफएसआई ने अवैध खनन का प्रमाण देते हुए जमकर लताड़ लगाया था। इसके सुप्रीम कोर्ट ने एफएसआई की ओर से चिह्नित खनन स्थलों की मौका रिपोर्ट तैयार कराने के आदेश दिए थे और उसकी पालना में वन विभाग व खनिज विभाग को सर्वे करवाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। अवैध खनन स्थल किस विभाग की •ामीन पर हो रहा है, कई स्थान पर इसको लेकर भी विवाद है। इसलिए सर्वे रिपोर्ट में जमीन ओर स्वामित्व किसका है, यह पता भी लगाया जा रहा है।
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अलवर जिले में 274 पहाड़ियों का मौ़का मुआयना करवाया जा रहा है। वह विभाग की टीम ने गुरुवार को खोरी की पहाड़ियों का जीपीआरएस के •ारिए वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करवाकर मौका रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है।
-आलोक गुप्ता, डीएफओ, अलवर