चार साल बाद फिर सुनाई दी कोर्ट में गोली की गूंज
करीब चार वर्ष बाद एक बार कोर्ट में गोली की गूंज सुनाई थी, जिसने हड़कंप मचा दिया। हालांकि बृहस्पतिवार को चली गोली कोर्ट के अंदर की बजाय गेट के बाहर चली है, लेकिन गोली की गूंज कोर्ट परिसर तक सुनाई दी, जिससे सभी एक बार फिर सकते में है। अधिवक्ताओं के चेंबर्स परिसर के पीछे स्थित इस गेट से बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन भी है।
पुलआउट की लीड :
फोटो संख्या: 26 व 26ए
- महिला अधिवक्ता द्वारा कोर्ट परिसर में गोली चलाने की वारदात के बाद फिर याद आया मंजर
- वर्ष 2014 कुख्यात बदमाश जीता गुर्जर की अदालत में ही कर दी गई थी हत्या, नवंबर 2017 में हथियार के साथ पकड़े गए थे दो युवक
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : जिला न्यायिक परिसर के ठीक पीछे ग्राउंड में बृहस्पतिवार को महिला अधिवक्ता द्वारा पुरानी रंजिश के चलते युवक को गोली मारने की वारदात से सालों बाद एक बार फिर न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं। गोली भले ही न्यायालय परिसर के बाहर चली हो, लेकिन इसकी गूंज कोर्ट रूम तक भी पहुंची है। इस वारदात ने चार साल पहले शहर के कुख्यात बदमाश जीता की हत्या वाले दिन को याद दिला दिया जब भरे कोर्ट परिसर में अदालत गेट पर जीता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कोर्ट परिसर में हुई थी हत्या
रंजिश के चलते बृहस्पतिवार को कोर्ट परिसर के नजदीक गोली चली। इस बार आरोप एक महिला अधिवक्ता पर है तथा कहा जा रहा है कि उन्होंने ही आसलवास गांव के रहने वाले युवक सतबीर पर गोली चलाई। महिला अधिवक्ता द्वारा गोली चलाने की वारदात किसी आश्चर्य से कम नहीं है। 11 फरवरी 2014 को गुर्जरवाड़ा निवासी गैंगस्टर जीता उर्फ जीतराम को पुलिस भोंडसी जेल से जिला अदालत में पेशी पर लेकर आई थी। कोर्ट के दरवाजे पर ही जीता की छह गोलियां मार कर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के बाद कोर्ट की सुरक्षा पर सवाल उठे थे तथा जिला बार एसोसिएशन ने भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने की मांग की थी।
कोर्ट में एंट्री करने के लिए तभी से सिर्फ एक गेट कर दिया गया तथा बकायदा जांच भी की जाती है। इस जांच के चलते ही 8 नवंबर 2017 को कोर्ट परिसर में घुसने का प्रयास कर रहे एक युवक को पिस्टल के साथ पकड़ा गया था। कोर्ट एंट्री पर तो सुरक्षा है, लेकिन बार रूम व बाहर की तरफ सुरक्षा को लेकर अभी भी पुख्ता इंतजाम नहीं है। गोली चलने की वारदात के बाद जब तक पुलिस सक्रिय हुई तब तक महिला अधिवक्ता व उनके साथ मौजूद अन्य लोग वारदात करके आसानी से निकल गए।
पिस्टल छीनकर सतबीर खुद पहुंचा पुलिस के पास
वारदात के बाद सतबीर ने अपने शुरूआती बयान में पुलिस को जो बताया उसके अनुसार महिला अधिवक्ता किरण व उनके पति कंवर ¨सह जो उसके गांव आसलवास के ही रहने वाले हैं दोनों ने ही उसपर पिस्टल तानी थी। सतबीर ने कंवर ¨सह के हाथ से तो पिस्टल छीन ली थी। छीना झपटी में उसके माथे पर पिस्टल का बट भी लगा जिससे खून भी निकलने लगा। इसी दौरान एडवोकेट किरण ने उसपर गोली चला दी जो कमर को छूती हुई निकल गई। गोली लगने के बाद कंवर ¨सह से छीनी हुई पिस्टल को लेकर सतबीर जब हुडा ग्राउंड से कोर्ट परिसर की तरफ भागकर आया तो कोर्ट परिसर में भी अफरा तफरी मच गई थी। सतबीर अगर समय पर नहीं भागता तो शायद वारदात और भी भयावह हो सकती थी।
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कोर्ट सुरक्षा को लेकर हमने पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं। सिर्फ एक ही गेट से एंट्री है तथा अच्छी तरह से जांच करके ही हर शख्स को अंदर जाने दिया जाता है। जानकारी जुटाकर कोर्ट परिसर के बाहर भी सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा।
- सतपाल यादव, डीएसपी