फीस की मांग करने वालों पर होगी कार्रवाई
एक ओर कोरोना वायरस के चलते हर कोई जरूरतमंदों की मदद करने में जुटा हुआ है वहीं कुछ निजी स्कूलों की हठधर्मिता का खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: एक ओर कोरोना संक्रमण से हर कोई जरूरतमंदों की मदद में जुटा है, तो दूसरी ओर कुछ निजी स्कूलों की हठधर्मिता का खामियाजा अभिभावक भुगत रहे हैं। यह तब है, जब निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने सख्त निर्देश दिए हैं। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने पत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि सभी निजी स्कूल अपने यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों से स्कूल खुलने के पश्चात ही फीस व शुल्क लें। अगर इन नियमों की अवहेलना हुई, तो निजी स्कूल पर कड़ी कार्रवाई होगी।
लॉकडाउन से सभी शिक्षण संस्थाओं में अवकाश है। इसके बावजूद कुछ निजी स्कूलों की ओर से अभिभावकों से फीस मांगने की शिकायतें आ रही हैं। यहां तक कि कुछ स्कूल संचालक फोन कर अभिभावकों को बुलाकर किताबें और कापियां भी लेकर जाने का दबाव डाल रहे हैं। कुछ स्कूलों द्वारा ऑनलाइन एजुकेशन के नाम पर अभिभावकों से फीस मांगी जा रही है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने जताई आपत्ति:
रेवाड़ी प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने कुछ निजी स्कूलों द्वारा की जा रही अवहेलना पर आपत्ति जताई है। एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ.सूर्यकमल यादव का कहना है कि सभी निजी स्कूलों को इस समय स्थिति को समझने की जरूरत है। हम सभी बुद्धिजीवी हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से जो आदेश दिए गए हैं, उसकी पालना करना हमारा कर्तव्य है। अप्रैल माह में किसी प्रकार की फीस मांगना अनुचित है।
वर्जन..
इस संकट की घड़ी में यदि कोई निजी स्कूल संचालक मनमानी करता है, तो ये गंभीर मामला है। विभाग ने 27 मार्च को ही निजी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि अप्रैल माह में कोई शुल्क न लिया जाए। स्कूल खुलने के पश्चात ही शुल्क लिया जा सकता है। निदेशालय ने रिपोर्ट मांगी है। अगर किसी स्कूल संचालक के खिलाफ शिकायत मिलती है, तो मान्यता रद करने के साथ विभागीय कार्रवाई भी होगी।
-राजेश कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी