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फास्टैग: 35 किमी. के दायरे में 265 फीस, एसडीएम लिख देंगे तो महज 65 लगेंगे

फास्टैग सिस्टम 15 दिसंबर से पूरी तरह लागू हो जाएगा। टोल पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए नई व्यवस्था को अमल में तो लाया जा रहा है लेकिन अभी बहुत सी ऐसी चुनौतियां है जिससे निपटना बेहद आवश्यक है। फास्टैग सिस्टम से अगर किसी को नुकसान होगा तो वह टोल के आसपास रहने वाले विभिन्न गांवों के ग्रामीण। टोल के आसपास 35 किमी. के दायरे में व पांच किमी. के दायरे में रहने वाले लोगों को पूर्व में बड़ी राहत मिली हुई थी। अब असमंजस की स्थिति यही है कि इन लोगों को फास्टैग लागू होने के पश्चात आखिरकार कैसे फायदा मिल सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 09:55 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 06:19 AM (IST)
फास्टैग: 35 किमी. के दायरे में 265 फीस, एसडीएम लिख देंगे तो महज 65 लगेंगे

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: फास्टैग सिस्टम 15 दिसंबर से पूरी तरह लागू हो जाएगा। टोल पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए नई व्यवस्था को अमल में तो लाया जा रहा है लेकिन अभी बहुत सी ऐसी चुनौतियां है जिससे निपटना बेहद आवश्यक है। फास्टैग सिस्टम से अगर किसी को नुकसान होगा तो वह टोल के आसपास रहने वाले विभिन्न गांवों के ग्रामीणों को। टोल के आसपास 35 किमी. के दायरे में व पांच किमी. के दायरे में रहने वाले लोगों को पूर्व में बड़ी राहत मिली हुई थी। अब असमंजस की स्थिति यही है कि इन लोगों को फास्टैग लागू होने के पश्चात आखिरकार कैसे फायदा मिल सकेगा।

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पांच किमी. के दायरे में रहने वालों का नहीं है टोल:

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 352 पर गंगायचा टोल प्लाजा के आसपास पांच किमी. के दायरे में दर्जनभर गांव है। पांच किमी. के दायरे में आने वाले इन दर्जनभर गांवों के ग्रामीणों से कोई टोल नहीं लिया जाता है। इसके अतिरिक्त 35 किमी. दायरे में आने वाले 40-50 गांवों के लोगों से महज 65 रुपये का टोल लिया जाता रहा है। इन गांवों में रहने वाले ग्रामीणों के पास बड़ी संख्या में चौपहिया वाहन है। इन गांवों के ग्रामीणों को अगर रेवाड़ी आना होता है तो टोल पार करना आवश्यक है। ऐसे में पांच किमी. के दायरे में आने वाले ग्रामीणों को जहां पूरी तरह से राहत मिली हुई है वहीं 35 किमी. के दायरे के ग्रामीणों पर भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ रहा है। अभी तक सबकुछ ठीकठाक चल रहा था लेकिन फास्टैग की अनिवार्यता ने स्थानीय ग्रामीणों के माथे पर भी पसीना लाया हुआ है। नए सिस्टम के तहत अब आसपास के ग्रामीणों के लिए भी अपने वाहनों पर फास्टैग लगवाना अनिवार्य होगा। 35 किमी. के दायरे में आने वाले ग्रामीणों के वाहनों पर 265 रुपये का फास्टैग लगेगा। 265 रुपये का भुगतान करने के बाद ही वे पूरे माह टोल से आ जा सकेंगे। वहीं अगर ग्रामीण अपने कागजात दिखाकर एसडीएम से एक निर्धारित फार्म भरकर टोल पर जमा करते हैं तो उनको 200 रुपये की छूट मिलेगी और महज 65 रुपये ही टोल लगेगा। वहीं पांच किमी. के दायरे में रहने वाले ग्रामीणों को पहले की तरफ फ्री निकालना टोल प्रबंधन की मर्जी पर निर्भर होगा। अन्यथा उनको भी 265 का फास्टैग ही लगवाना होगा।

कुछ ऐसे पा सकते हैं 200 की छूट: 35 किमी. के दायरे में आने वाले ग्रामीणों को अगर 200 रुपये की छूट चाहिए तो उन्हें टोल से एक फार्म लेना होगा। इस फार्म पर अपना नाम, गांव, गाड़ी की डिटेल भरकर संबंधित गांव के सरपंच से तस्दीक करानी होगी। इसके पश्चात इस फार्म के साथ अपनी गाड़ी की आरसी व खुद का पहचान पत्र लगाकर एसडीएम से साइन कराने होंगे। एसडीएम के साइन के बाद 265 की जगह महीने का फास्टैग केवल 65 ही लगेगा। स्थानीय ग्रामीणों को दिनभर में कई बार टोल पार करना पड़ता है। छोटे-छोटे काम के लिए भी यहां से जाना पड़ता है। ऐसे में आसपास के ग्रामीणों को पहले की ही भांति छूट दी जानी चाहिए।

-संजय, नांगलिया। 5 किमी. के दायरे में रहने वाले ग्रामीणों को नि:शुल्क टोल से गुजरने की सुविधा टोल प्रबंधन ने अपनी तरफ से दी हुई है। नेशनल हाईवे अथोरिटी की इस संबंध में कोई गाइडलाइन नहीं है। वहीं 35 किमी. के दायरे में आने वाले ग्रामीणों के लिए 265 का फास्टैग है जिसे लगवाकर वे पूरे महीने यहां से आ जा सकेंगे। अगर वे निर्धारित फार्म भरकर एसडीएम से अप्रूव करा लाते हैं तो महज 65 रुपये ही लगेंगे।

-कविद्र चौहान, प्रबंधक गंगायचा टोल प्लाजा।


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