रंग बदलते मौसम व उमस ने बढ़ाए त्वचा रोगी
जिला में दो दिन पहले हुई बारिश के बाद उमस भरी गर्मी कहर ढाने लगी है। हालांकि मौसम का मिजाज एक दिन में कई रंग बदल रहा है लेकिन गर्मी व उमस के चलते आमजन में बेचैनी का आलम है। उमस से त्वचा संक्रमण भी तेजी से फैलने लगा है। अस्पताल पहुंचने वाला हर तीसरा रोगी उमस से उपजे त्वचा रोग से पीड़ित है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : जिले में दो दिन पहले हुई बारिश के बाद उमस भरी गर्मी कहर ढाने लगी है। हालांकि मौसम का मिजाज एक दिन में कई रंग बदल रहा है, लेकिन गर्मी व उमस के चलते आमजन में बेचैनी का आलम है। उमस से त्वचा संक्रमण भी तेजी से फैलने लगा है। अस्पताल पहुंचने वाला हर तीसरा रोगी उमस से उपजे त्वचा रोग से पीड़ित है। शुक्रवार को भी सुबह बादल छाने से राहत महसूस हुई, लेकिन दोपहर बाद निकली तेज धूप ने लोगों को बैचेन कर दिया।
शुक्रवार को सुबह की शुरुआत आसमान में बादल छाने के साथ हुई। फर्क सिर्फ यह था कि बृहस्पतिवार को धूल भरे गुबार भी थे, जबकि शुक्रवार को गुबार नदारद थे। दिन चढ़ने के साथ तेज धूप और उमस हो गई। इससे लोग परेशान रहे। मौसम में आ रहे बदलाव के मद्देनजर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से सावधानी बरतने की सलाह दी है। दूसरी ओर, उमस पूरे चरम पर होने का असर मुख्य तौर पर त्वचा रोग के रूप में सामने आ रहा है। अस्पताल में सुबह से ही डॉक्टरी परामर्श व उपचार लेने के लिए त्वचा रोगियों की भीड़ लगना शुरू होने लगी है। अस्पतालों के आउटडोर में कोई चेहरे पर दाने तो कोई पूरे शरीर पर ही छोटे-बड़े दोनों से परेशान हाल में नजर आता है। बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 37.5 व न्यूनतम 30 डिग्री सेल्सियस रहा।
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सावधानी बरतने की सलाह:
चिकित्सकों ने लोगों से उमस और गर्मी के बीच शरीर में पानी की कमी को दूर करने के साथ-साथ यह अन्य सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
-त्वचा के संक्रमण वाले भागों को सूखा रखें।
-पसीना या बारिश में त्वचा को ज्यादा समय तक गीला नहीं रखें।
- टैल्कम पाउडर का प्रयोग नहीं करें।
- जहां तक हो सूती वस्त्र ही पहनें तथा अच्छी तरह से धुले और साफ कपड़ों का प्रयोग करें।
-संक्रमित कपड़ों को अलग से धोएं।
-घर में साफ-सफाई पर इन दिनों विशेष ध्यान दें।
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बदलते मौसम के बीच सप्ताह में एक दिन कूलर, पानी के गमले, टंकियों आदि की सफाई कर सूखा रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है। अपने आसपास गंदगी होने नहीं देने के साथ ही जहां पानी जमा है वहां मिट्टी तेल, डीजल आदि छिड़कते रहना चाहिए। विभाग की ओर से पूरी मॉनिटरिग की जा रही है।
-डॉ. कृष्ण कुमार, सिविल सर्जन