कड़ाके की ठंड से जनजीवन प्रभावित
पहाड़ों में हो रहे हिमपात और पिछले दिनों हुई बारिश से सर्दी के तेवर कम नहीं हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : पहाड़ों में हो रहे हिमपात और पिछले दिनों हुई बारिश से सर्दी के तेवर कम नहीं हो रहे हैं। दिन में भी सर्दी से बचाव के लिए अलाव या रूम हीटर का सहारा लेना पड़ रहा है। धूप में तपिश नहीं होने से सर्द हवा से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मंगलवार को दोपहर तक कोहरा छाया रहा। दोपहर बाद थोड़ी देर के लिए धूप निकली जिसमें तपिश नहीं थी। मंगलवार को अधिकतम तापमान 14 और न्यूनतम 3.5 डिग्री सेल्सियस रहा। सोमवार को अधिकतम 15.8 और न्यूनतम 6.2 डिग्री सेल्सियस था। मंगलवार को सुबह से ही चल रही सर्द हवा से दिनभर लोग घरों और प्रतिष्ठानों में दुबके रहे। बाजार में दोपहर तक लोगों की चहल पहल कम रही। दोपहर बाद धूप निकलने से कुछ राहत मिली लेकिन शाम होते होते ठंड के तेवर तीखे होने लगे। अभी सताएगी सर्दी हिसार के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 26 जनवरी से हल्की गति से उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से रात्रि तापमान में कमी आने की संभावना है। ऐसे में अभी कुछ दिन और सुबह की सर्दी से राहत मिलने की संभावना कम है। दिन में हल्की धूप निकलने से राहत मिल सकती है। उतार-चढ़ाव भरा रहा है तापमान बूंदाबांदी और सर्द हवा के चलते कभी तापमान में काफी कमी तो कभी बढ़ता रहा। जनवरी माह में नियमित अंतराल पर हुई बारिश और शीतलहर से अधिकांश समय ठिठुरन से जनजीवन प्रभावित रहा। दिनांक अधिकतम न्यूनतम
24 जनवरी 15.8 6.2
23 जनवरी 16.2 10.5
22 जनवरी 15.5 9.0
21 जनवरी 12.5 8.0 20 जनवरी 16.5 7.5
19 जनवरी 17.6 3.5 18 जनवरी 14.0 5.5
17 जनवरी 12.2 3.5 16 जनवरी 15.5 5.5
15 जनवरी 12.6 5.5 14 जनवरी 13.5 6.0 13 जनवरी 19.0 3.5 12 जनवरी 16.6 5.8 11 जनवरी 16.5 3.5 10 जनवरी 16.5 4.5
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रूम हीटर या अंगीठी जलाते वक्त बरतें सावधानी सर्दी के दौरान लोग रूम हीटर और अंगीठी जलाकर ज्यादा देर सोते हैं। भले जिले में अभी इससे होने वाले घटनाओं के समाचार नहीं है लेकिन विशेषज्ञों ने एहतियात बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बंद कमरे में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाने से गर्मी बढ़ने से धीरे-धीरे कमरे में आक्सीजन खत्म हो जाती है। इस दौरान कार्बन मोनोआक्साइड अत्यधिक बढ़ जाती है। यह गैस सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिलती है। इससे खून में हीमोग्लोबिन का स्तर घटता है जिससे व्यक्ति की मौत हो सकती है। ऐसे में खिड़की या दरवाजे खुले रखने चाहिए ताकि हवा का आवागमन जारी रहे।
-डा. रणबीर सिंह, फिजिशियन, नागरिक अस्पताल