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हर तीन महीने में बताएंगे, कितना स्वच्छ है मेरा शहर

शहर को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 इस बार निरीक्षण पर फोकस रहेगा। फीडबैक व सवाल जवाब के चार हजार नंबर होंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 06:52 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 06:32 AM (IST)
हर तीन महीने में बताएंगे, कितना स्वच्छ है मेरा शहर
हर तीन महीने में बताएंगे, कितना स्वच्छ है मेरा शहर

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : शहर को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 इस बार निरीक्षण पर फोकस रहेगा। फीडबैक व सवाल जवाब के चार हजार नंबर होंगे। इन्हीं नंबरों के आधार पर शहर को अंक दिए जाएंगे। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छता सर्वेक्षण की प्रक्रिया में अहम बदलाव कर अब इसे और कारगर बनाया है। शहर की स्वच्छता की कसौटी को मापने के लिए अब हर तीन महीने में नगर परिषद को सफाई की रिपोर्ट स्वच्छता सर्वेक्षण पोर्टल पर देनी होगी। इसके अलावा पहली बार निगेटिव मार्किंग भी होगी। सर्वेक्षण रिपोर्ट की शुरुआत जुलाई से होगी।

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जुलाई में अप्रैल, मई व जून की रिपोर्ट पोर्टल पर डाली जाएगी। इसी तरह दूसरी रिपोर्ट जुलाई, अगस्त व सितंबर की अक्टूबर तथा अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर की जनवरी 2020 में देनी होगी। पहले चरण में फोन पर सफाई का फीडबैक लिया जाएगा। इसमें परिषद के अधिकारी फोन पर लोगों से सफाई व्यवस्था, कर्मचारी आते हैं या नहीं, कूड़ेदान और कूड़ा उठान आदि के बारे में पूछेंगे। नगर परिषद अधिकारियों द्वारा पोर्टल पर जिस व्यवस्था व सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी सर्वेक्षण टीम द्वारा अगर वैसा नहीं पाया गया तो निगेटिव मार्किंग की जाएगी।

स्वच्छता सर्वे के लिए जनता का फीडबैक व सवाल जवाब के अब पांच हजार की बजाय कुल 4 हजार अंक निर्धारित होंगे। इसमें एक हजार अंक सिटीजन फीडबैक, एक हजार अंक डायरेक्ट आब्जर्वेशन, एक हजार अंक सर्विस लेवल प्रोसेस और एक हजार अंक सर्टिफिकेशन के होंगे। अभी तक पांच हजार अंकों में 35 फीसद अंक स्थानीय लोगों द्वारा दिए जाने वाले फीडबैक के थे तथा 30 प्रतिशत सफाई व्यवस्था के इसके अतिरिक्त 35 प्रतिशत अंक नगर परिषद के पास उपलब्ध संसाधनों, वाहनों में लगे जीपीएस सिस्टम, ठोस कचरा प्रबंधन, स्वच्छ मेप एप, सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति, घर-घर कूड़ा उठाने की व्यवस्था व अन्य गतिविधियों के थे। पिछली बार दस अंक फिसल गया था रेवाड़ी:

स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में रेवाड़ी दस अंक फिसलकर 254वें स्थान पर पहुंच गया था। इससे पहले वर्ष 2017 में हुए सर्वे में रेवाड़ी शहर ने 166 रैंक की उछाल हासिल करके 303वीं रैंक हासिल की थी जबकि पांच वर्ष पूर्व हुए सर्वेक्षण में रेवाड़ी को 474 शहरों में से 469वां रैंक मिला था। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में रोहतक 69वें स्थान पर था जबकि स्वच्छ शहरों में पंचकूला 71वें, गुरुग्राम 83वें और अंबाला 146वें नंबर पर थे। ग्रामीण सर्वे में किया था गौरवान्वित:

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 में रेवाड़ी ने देशभर में दूसरा स्थान हासिल किया था। प्रथम स्थान पर रहे महाराष्ट्र के सतारा जिले को कुल 97.90 अंक मिले जबकि रेवाड़ी जिले को 97.62 अंक मिले। जिलों का चयन तीन मानदंडों के आधार पर किया गया था। पहला प्रत्यक्ष मूल्यांकन, दूसरा सिटीजन फीडबैक व तीसरा सर्विस लेवल प्रोग्रेस। रेवाड़ी को प्रत्यक्ष मूल्यांकन में 29.07, सिटीजन फीडबैक में 33.55 व सर्विस लेवल प्रोग्रेस में 35 अंक मिले थे।


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