154 साल पुराना है कैथोलिक चर्च
रेलवे कॉलोनी स्थित होली रोजरी केथोलिक चर्च में का इतिहास 154 साल पुराना है। 1
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : रेलवे कॉलोनी स्थित होली रोजरी कैथोलिक चर्च में का इतिहास 154 साल पुराना है। 1864 में अंग्रेजों द्वारा स्थापित इस मंदिर में प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा होती है। क्रिसमस के उपलक्ष्य में एक सप्ताह पहले से ही तैयारियां आरंभ हो जाती हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के साथ केक काटा जाता है। चर्च का इतिहास:
चर्च का निर्माण 1860 में ब्रिटिश शासनकाल में आरंभ होने के बाद वर्ष 1864 में यह बनकर तैयार हुआ था। चर्च में 70 परिवारों के परिजन इसकी देखभाल करते हैं और समय समय पर यहां प्रार्थना करने आते हैं। चर्च तक कैसे पहुंचे:
रेलवे कालोनी में स्थित इस चर्च में रेलवे स्टेशन से करीब पांच सौ मीटर तथा बस अड्डे से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से पैदल तथा रेलवे स्टेशन तक ऑटो या अपने वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है। शहर का सबसे पुराना चर्च:
इस चर्च का पूरा नाम आवर लेडी ऑफ होली रोजरी कैथोलिक चर्च है। इसके कार्यक्रम दिल्ली स्थित बिशप के माध्यम से निर्धारित होते हैं। क्रिसमस पर होने वाला कार्यक्रम यहां के आकर्षण का केंद्र है। कार्यक्रम:
ईसाई धर्म के कैथोलिक समुदाय के लोग यहां प्रार्थना करने आते हैं। रेवाड़ी शहर, करनावास, बावल, ढालियावास, धारूहेड़ा सहित विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। 23 दिसंबर को चर्च के बच्चे कैरोल गीत गाते हैं। प्रभू यीशू मसीह की चरनी बनाने के साथ 24 दिसंबर रात चर्च में विशेष प्रार्थना सभा में उनके जन्म दिन की खुशियां मनाई जाएगी। 25 दिसंबर को सुबह 10 बजे से प्रार्थना आरंभ होगी। इसके अलावा 31 दिसंबर को रात को नए साल का स्वागत और एक जनवरी को विशेष प्रार्थना सभा होगी।
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क्रिसमस को लेकर चर्च की साज सज्जा की गई है। स्थानीय लोगों की कमेटी के पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई है। 23 दिसंबर से एक जनवरी तक लगातार कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस चर्च में क्रिसमस के अलावा प्रत्येक रविवार और इस्टर पर भी नियमित रूप से प्रार्थना होती है। रविवार को होने वाली प्रार्थना सर्दियों में सुबह 10 तथा गर्मी में 9 बजे होती है।
- डॉनी, फादर।