बिजली के मामले में मनोहर के मुरीद हुए ग्रामीण
महेश कुमार वैद्य रेवाड़ी पंचकुला अंबाला फरीदाबाद सिरसा गुरुग्राम फतेहाबाद..के बाद अब रेवाड़ी जिले का नाम भी उन जिलों में शामिल हो चुका है जहां ग्रामीण क्षेत्रों में 22 से 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। अब प्रदेश में कुल 6
महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी
पंचकुला, अंबाला, फरीदाबाद, सिरसा, गुरुग्राम, फतेहाबाद..के बाद अब रेवाड़ी जिले का नाम भी उन जिलों में शामिल हो चुका है जहां ग्रामीण क्षेत्रों में 22 से 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। अब प्रदेश में कुल 6848 गांवों में से 3700 गांवों में चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। हरियाणा गठन के बाद बिजली के मामले में पहली बार इतनी लंबी रेखा खींची गई है कि दूसरी सभी रेखाएं छोटी पड़ गई है। चौ. देवीलाल के जमाने को छोड़कर ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब विधानसभा चुनावों में विपक्ष के तरकश में बिजली आपूर्ति का हथियार नहीं है। वह भी भीषण गर्मी के समय।
बिजली की ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए जागरण ने कई गांवों का दौरा किया। कुछ सरपंचों से टेलीफोन पर जानकारी ली। गंगायचा अहीर के पूर्व सरपंच कृष्ण ठेकेदार ने गागर में सागर भर दिया। बिजली की बात चलते ही उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहरलाल के बारे में कहा कि 'ओ भाई, यो दूसरो देबीलाल बणैगो। बिजली की मौज होरी सै।' म्हारे गांव में ही नहीं
बल्कि आसपास के सभी गांवों में बाइस घंटे से अधिक बिजली मिल रही है। चार-पांच साल पहले दस-बारह घंटे बिजली मिलती थी। घासेड़ा के सरपंच कृष्ण कुमार ने माना कि गर्मी के कारण इस बार कुछ कट लग रहे हैं, परंतु बाइस घंटे से कम बिजली नहीं मिलती। हालांकि ढाणियों में अभी गांवों की तुलना में आपूर्ति कम है।
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दरें कम होने से राहत
सितंबर 2018 में बिजली की दरों में की गई कटौती से भी लोगों में मनोहर के ग्रामीण प्रेम की चर्चा है। पिछले वर्ष 200 यूनिट तक के बिल 4 रुपये 50 पैसे की बजाय दो रुपये 50 पैसे किए गए थे। इसी क्रम में 50 यूनिट तक की खपत वाले उपभोक्ताओं को 2 रुपये प्रति यूनिट बिजली देने का फैसला हुआ था। कुल मिलाकर 41 लाख 53 हजार उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिला था। इस समय प्रदेश में लगभग 65 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं। आने वाले समय में और कटौती की संभावना है।
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मनोहर सरकार हर गांव को 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य लेकर चल रही है। अब तक 3700 गांवों में ऐसा किया जा चुका है। पूर्ववर्ती सरकारों में केवल उन गांवों को चौबीस घंटे बिजली मिलती थी, जिनकी जमीन पर पावर प्लांट लगाए गए थे। चौ. बंसीलाल के समय कुछ प्रयास हुए थे, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने पहली बार इतनी बड़ी लकीर खींची
है।
-जवाहर यादव, भाजपा प्रवक्ता।