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एसएससी के लिए नि:शुल्क को¨चग सुविधा देगी बाल कल्याण परिषद

जिला बाल कल्याण परिषद ने शिक्षक दिवस पर बेरोजगारी उन्मूलन की दिशा में बड़ा तोहफा दिया है। जिला प्रशासन के सहयोग से जिला बाल कल्याण परिषद जिले के 120 बच्चों को एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग)की परीक्षा के लिए निश्शुल्क को¨चग की सुविधा उपलब्ध करवाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 07:22 PM (IST)
एसएससी के लिए नि:शुल्क को¨चग सुविधा देगी बाल कल्याण परिषद
एसएससी के लिए नि:शुल्क को¨चग सुविधा देगी बाल कल्याण परिषद

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : जिला बाल कल्याण परिषद ने शिक्षक दिवस पर बेरोजगारी उन्मूलन की दिशा में बड़ा तोहफा दिया है। जिला प्रशासन के सहयोग से जिला बाल कल्याण परिषद जिले के 120 बच्चों को एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग) की परीक्षा के लिए नि:शुल्क को¨चग की सुविधा उपलब्ध करवाएगी। परिषद की प्रेरक पहल से कई ऐसे युवाओं को परीक्षा उत्तीर्ण करने का अवसर मिल सकेगा, जो आर्थिक या किसी अन्य कारण से को¨चग नहीं ले पाते थे।

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यह नई पहल परिषद के चेयरपर्सन व उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा की परिकल्पना है। हरियाणा में इससे पूर्व पलवल के उपायुक्त रहते हुए उन्होंने इस तरह का प्रयोग किया था। को¨चग लेने के इच्छुक दसवीं, बारहवीं व स्नातक उत्तीर्ण छात्रों से कुछ दिन पूर्व आवेदन मांगे गए थे। को¨चग के लिए कुल 670 आवेदन मिले। इन्हें शार्टलिस्ट करके 120 का चयन किया जाएगा। को¨चग के लिए दो बैच लगेंगे। एक 10वीं व 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए व दूसरा ग्रेजुएट कर चुके विद्यार्थियों के लिए।

--- पहले बैच के लिए काउंस¨लग

पहले बैच के लिए 5 सितंबर को काउंस¨लग की गई। इसके साथ ही इस बैच का शुभारंभ हो गया है, जबकि स्नातकस्तर पर दूसरे बैच के लिए काउंस¨लग की तारीख अभी तय नहीं की गई है। परिषद की उपाध्यक्ष रेखा शर्मा रोजगार दिलाने की दिशा में तैयार की गई इस परिकल्पना को साकार करने का जिम्मा निभाएंगी।

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हमने एसएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए को¨चग लेने के इच्छुक युवाओं का चयन करने के लिए एक मानदंड तय किया है। हमारे मानदंड में न जाति है न वर्ग। किसी भी जाति व वर्ग का युवक को¨चग के लिए आवेदन कर सकता था। दसवीं व बारहवीं के नंबरों को आधार मानकर चयन किया गया है। जिन विद्यार्थियों ने स्कूल स्तर की पढ़ाई के अलावा कोई डिप्लोमा या अन्य प्रशिक्षण लिया हुआ है, उसे इसके लिए अतिरिक्त अंक दिए गए हैं। स्नातकस्तर पर भी यही फार्मूला अपनाएंगे। इससे युवाओं को एसएससी की परीक्षा में अच्छा करने का मौका मिलेगा। सभी को नौकरी नहीं मिल सकती, लेकिन जिन्हें को¨चग मिलेगी उनका ज्ञान भी बढ़ेगा।

-अशोक कुमार शर्मा, उपायुक्त एवं

चेयरमैन, बाल कल्याण परिषद


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