जनस्वास्थ्य मंत्री को दिखाए काले झंडे, 34 हिरासत में
क्षेत्र के एक गांव से लापता नाबालिग की बरामदगी की मांग लेकर धरना दे रहे ग्रामीणों ने सोमवार को जनस्वास्थ्य राज्यमंत्री डा. बनवारी लाल द्वारा किए जाने वाले उद्घाटन कार्यक्रम का विरोध किया तथा काले झंडे दिखाए। एक जवान की शहादत्त होने के बावजूद कार्यक्रम आयोजित करने पर भी ग्रामीणों ने रोष जताया। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 34 ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया, जिसमें दस महिलाएं भी शामिल थी। पुलिस ने सभी के खिलाफ शांति भंग करने का मामला दर्ज कर जमानत पर रिहा कर दिया।
संवाद सहयोगी, बावल : क्षेत्र के एक गांव से लापता नाबालिग की बरामदगी की मांग लेकर धरना दे रहे ग्रामीणों ने सोमवार को जनस्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. बनवारी लाल द्वारा किए जाने वाले उद्घाटन कार्यक्रम का विरोध किया और उन्हें काले झंडे दिखाए। क्षेत्र के एक जवान की शहादत के बावजूद कार्यक्रम आयोजित करने पर भी ग्रामीणों ने रोष जताया। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 34 ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया, जिसमें दस महिलाएं भी शामिल थीं। पुलिस ने सभी के खिलाफ शांतिभंग करने का मामला दर्ज कर जमानत पर रिहा कर दिया।
सोमवार को जनस्वास्थ्य मंत्री डॉ. बनवारी लाल सर छोटूराम चौक के निकट नवनिर्मित नगरपालिका भवन का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे। राज्यमंत्री के आवास के सामने बैठे ग्रामीण भी हाथों में काले झंडे लेकर नारेबाजी करते हुए नपा भवन के सामने पहुंच गए। बावल-84 की कमेटी द्वारा पूर्व में ही कार्यक्रम का विरोध करने की घोषणा की गई थी, जिस कारण नपा भवन के बाहर प्रशासन की ओर से पुलिस बल की तैनाती भी की गई थी। पुलिस ने काले झंडे दिखा रहे 24 पुरुषों व 10 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया तथा थाने ले गए। जमानत पर किया रिहा
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में भारतीय किसान संघ के महासचिव रामकिशन महलावत, बावल सर्वसमाज के प्रधान ओमप्रकाश आढती, बावल नगर पालिका के उपप्रधान चेतराम रेवाडिया, पार्षद हीरा ¨सह चौहान, पार्षद संजय सैनी, पार्षद गुल्लाराम, एडवोकेट अर्जुन चौकन, शक्ति परिषद की सदस्य ज्योति यादव, शंकुतला, गीता देवी, संतरा देवी, कैलाश कमला, सुमन, मुकेश, शर्मिला, महेंद्र बनीपुर, सुमेर जेलदार, धनश्याम बागडी, रामकिशन, धनपत ¨सह, ईश्वर महलावत, अशोक नंबरदार, कृष्ण पंडित, सूरज जेलदार, जीतराम महलावत, शेर ¨सह, सरपंच सरजीत दुल्हेडा कलां, रामपत नंबरदार, महेंद्र ककरावत व नाबालिग के माता-पिता शामिल थे। पुलिस ने शांतिभंग करने का मामला दर्ज कर शाम को पांच बजे सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया। ग्रामीणों ने कहा कि नाबालिग बच्ची का छह माह बाद भी पता नहीं लग पाया है।