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सख्ती के बावजूद अरावली में जारी है अवैध खनन

सरकारी स्तर पर सख्ती के बावजूद अरावली क्षेत्र में अवैध खनन जारी है। वन व खनन विभाग और ग्राम पंचायतों की निष्क्रियता से बड़े स्तर पर पहाड़ी को चीरकर पत्थर निकाला जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दिन-दहाड़े ठेंगा दिखाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 06:13 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 06:36 AM (IST)
सख्ती के बावजूद अरावली में जारी है अवैध खनन
सख्ती के बावजूद अरावली में जारी है अवैध खनन

महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी

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सरकारी स्तर पर सख्ती के बावजूद अरावली क्षेत्र में अवैध खनन जारी है। वन व खनन विभाग और ग्राम पंचायतों की निष्क्रियता से बड़े स्तर पर पहाड़ी को चीरकर पत्थर निकाला जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दिन-दहाड़े ठेंगा दिखाया जा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ अधिकारियों का यह कहना है कि स्टाफ की कमी के कारण अवैध खनन रोकना संभव नहीं है, मगर यह अर्ध सत्य है। असलियत यह है कि खनन माफिया पर अंकुश के लिए अधिकांश अधिकारी मन से तैयार नहीं है। यह हकीकत किसी से छुपी नहीं है कि जिन खसरा नंबरों में खनन के पट्टे दिए हैं, उनसे बाहर खुलकर खनन कार्य हो रहा है। रेवाड़ी के अलावा अलवर, महेंद्रगढ़ व नूंह सहित कई जिलों में माफियाओं का खेल चल रहा है।

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प्रशासन की आंखे टेढ़ी

कार्रवाई की बात करें तो अलवर जिला प्रशासन के बाद अब रेवाड़ी जिला प्रशासन ने भी अपने स्तर पर कुछ पहल की है। सूत्रों के अनुसार रेवाड़ी के वन मंडल अधिकारी कार्यालय द्वारा पिछले माह जारी एक पत्र के बाद जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी ने यहां की मनेठी ग्राम पंचायत को पत्र भेजकर अवैध खनन रोकने में सहयोग के लिए कहा है। खनन अधिकारी ने भी इस पर अमल शुरू किया है तथा मनेठी के संबंधित स्टाफ को चेताया है। वन विभाग के पत्र के बाद कुछ हलचल अवश्य हुई है, लेकिन अरावली क्षेत्र में कार्यरत वन व खनन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर मिलीभगत के जो आरोप लग रहे हैं उनकी गहराई में झांकना जरूरी है।

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कई जगह गायब हो रहे हैं पहाड़

पिछले दिनों अलवर जिले में अरावली श्रंखला की कई पहाड़ियां गायब होने पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी। यह सवाल भी उठा था कि क्या पहाड़ी को हनुमान जी उठाकर ले गए, लेकिन इतना होने के बावजूद अभी अवैध खनन पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा है। महेंद्रगढ़ जिले में भी खनन माफिया सक्रिय है और नूंह जिले में भी यही खेल चल रहा है। कुल मिलाकर कई जिले ऐसे हैं जहां अरावली संकट में है, लेकिन यह संकट इसलिए गहरा रहा है क्योंकि बाड़ खेत को खा रही है।

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माजरा, मनेठी, पाड़ला व गुर्जर घटाल गांवों में खनन कार्य पट्टे पर हो रहा है। कुछ समय पहले तक केवल दो-तीन गांवों से अवैध खनन की कुछ शिकायतें मिली थी, लेकिन अब सब ठीक है। कहीं से शिकायत मिलेगी तो ठोस कार्रवाई होगी।

-राजेंद्र यादव, खनन अधिकारी-रेवाड़ी


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