आग से जीवन में अंधेरा भी कर सकते हैं पटाखे
-पटाखों के कारण हर साल लगती है कई घरों में आग फोटो: 1
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:
पटाखे वैसे तो दीपों के त्योहार की पहचान हैं, लेकिन इनसे संभलकर रहना भी जरूरी है। बेहतर यही है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशानुसार ग्रीन पटाखों को ही चलाएं। तीव्रता और तेज प्रकाश पैदा करने वाले पटाखे हानिकारक होते हैं। यह पटाखे आपकी सुनने और देखने की शक्ति पर तो असर डालते ही हैं अग्निकांड का कारण भी बनते हैं। रेवाड़ी जिले में दिवाली पर हर साल होने वाली आग लगने की घटनाएं इसका प्रमाण हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक पटाखों की जितनी ज्यादा आवाज होती है उनमें उतनी ज्यादा मात्रा में विस्फोटक होता है। पटाखों और फुलझड़ियों से निकलने वाली रंगीन रोशनी के लिए इनमें ज्यादा रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है। तेज आवाज वाले पटाखों में बारूद, चारकोल, नाइट्रोजन और सल्फर जैसे रसायनों का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है। इससे ¨चगारी, धुआं और तेज आवाज निकलती है। ऐसे पटाखे ही आग लगने का कारण बनते हैं। हाल ही में थिनर फैक्ट्री में विस्फोट से बालिका के ¨जदा जलने जैसी घटनाओं से भी सबक लेने की जरूरत है। तेज रोशनी व धमाकों वाले पटाखे चलाने की चाहत हमारी ¨जदगी में अंधेरा ला सकती है इसलिए बेहतर यही है कि ऐसे पटाखे चलाने से बचें। दिवाली पर हर साल होती है कई घरों में तबाही
दिवाली पर हम लोग खुशी से पटाखे चलाते हैं। रॉकेट, बम व अनार बम ¨चगारियां छोड़ते हैं। ये ¨चगारियां जहां हमें खुशी देती है वहीं हर साल कई घरों व प्रतिष्ठानों के लिए पटाखों से निकलने वाली ¨चगारियां तबाही का कारण भी बनती है। दिवाली की रात हर साल 10 से 12 जगह आगजनी की घटनाएं होती है। गत वर्ष एक कबाड़ गोदाम में आग लगने से लाखों का सामान जल गया था। यह सावधानी रखना जरूरी:
-पटाखे जलाने के लिए माचिस या लाइटर का इस्तेमाल बिल्कुल न करें क्योंकि इनमें खुली आग होती है जो खतरनाक हो सकती है।
-रॉकेट जैसे पटाखे तब बिल्कुल न जलाएं।
- पटाखों के साथ प्रयोग नहीं करें।
- सड़क पर पटाखे जलाने से बचें।
- कभी भी अपने हाथ में पटाखे न जलाएं। इसे नीचे रखकर जलाएं।
- बंद जगह पर या गाड़ी के अंदर पटाखा जलाने की कोशिश न करें।
- जलने के ज्यादातर हादसे अनार जलाने के दौरान होते हैं इसलिए अनार जलाने से बचें दिवाली पर पटाखे जलाकर हम खुद तो खुशी मनाते हैं लेकिन कहीं न कहीं ये पटाखे आग का कारण बनकर दूसरों के दुख का कारण बन जाते हैं। आवश्यक है कि सावधानी से पटाखे चलाएं। पटाखे ऐसे ही चलाएं जो ज्यादा दूर तक जाने की बजाय छत पर ही फूटे। विशेष तौर पर रॉकेट तो कम से कम ही चलाएं। हर साल बड़ी संख्या में आगजनी की घटनाएं होती है। हालांकि दमकल विभाग के कर्मचारी दिवाली की रात पूरी तरह से मुस्तैद होकर ड्यूटी पर रहेंगे। कर्मचारियों की छुट्टी भी रद कर दी गई है। आम लोगों को भी इसमें सहयोग करने की आवश्यकता है।
-सजन ¨सह सांगवान, फायर अधिकारी।