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जिम्मेदार बेफिक्र आमजन ने दिखाई ¨चता

मनीष कुमार, रेवाड़ी आज से ठीक दो साल पीछे चलते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता मह

By Edited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 05:57 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 05:57 PM (IST)
जिम्मेदार बेफिक्र आमजन ने दिखाई ¨चता

मनीष कुमार, रेवाड़ी

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आज से ठीक दो साल पीछे चलते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती से स्वच्छता अभियान की शुरूआत की तो प्रशासन से लेकर आम नागरिकों ने इस अभियान के प्रति खुद को समर्पित कर दिया था। स्वच्छता के प्रति समर्पण के इस भाव ने न केवल वीआइपी अपितु गांव के बुजुर्ग व्यक्ति भी सफाई का दूत बन गए थे। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। कल तक सफाई को लेकर संदेश देने वाले लोग इस अभियान को बोझ मानने लग गए हैं तथा जहां जिम्मेदारियां निभानी चाहिए वहां पर व्यक्तिश: रूचि की जगह सरकारी रफ्तार आ गई है।

सफाई का तमगा तो दूर गंदे शहर में हुआ शामिल

डेढ़ लाख की आबादी वाले रेवाड़ी शहर में सफाई के प्रति गंभीरता नहीं दिखाए जाने के कारण पिछले अगस्त माह में आई सफाई की रैं¨कग में स्थान मिलना दूर हुआ अपितु देश के सबसे गंदे शहरों की सूची में 467 वां रैंक शहर को दिया गया। यानि सफाई को लेकर जो कदम प्रशासन की तरफ से उठाए जाने थे उनका नितांत अभाव रहा है तथा इसके ठीक अब एक साल बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। शहर के किसी भी स्थान पर जाए तो सड़कों पर कचरे के ढेर तथा उनमें मुंह मारते पशु देखे जा सकते हैं। इस स्थिति को सुधारने की दिशा में काम किए जाने की जरूरत है लेकिन इच्छा शक्ति के अभाव में सबकुछ पुराने ढर्रे की तरह चल रहा है।

एक दशक में भी नहीं बन पाया कचरा संयंत्र:शहर से प्रतिदिन लगभग 40 टन कचरा निकलता है तथा अब लगातार बढ़ती आबादी से इसमें बढ़ोतरी भी हो रही है। नगर परिषद से लेकर जिला प्रशासन एक दशक से ठोस कचरा निस्तारण संयंत्र नहीं बना पाए हैं। वर्ष 2005 में रामगढ़ भगवानपुर गांव के समीप जमीन मिलने के बाद नगर परिषद इस पर कब्जा नहीं ले पाई जिसके बाद पंचायत को जमीन वापस चली गई। अब दो साल पहले ठोस कचरा संयंत्र के लिए कुछ गंभीरता दिखाई तो अब बावल के राम¨सहपुरा गांव के ¨सचाई विभाग की लगभग 25 एकड़ जमीन नप को अभी तक हस्तांतरित नहीं हुई है। इस धीमी रफ्तार की वजह से यहां पर कचरा संयंत्र नहीं बन पाया है। शहर के आसपास कहीं भी कचरा डालने का स्थान नहीं बचा है जिसकी वजह से यह कचरा नप अपनी जमीन में इधर-उधर डालकर खपा रही है।

सब योजनाएं फेल, कर्मियों के हिसाब से सफाई

जिले में स्वच्छता अभियान के आगाज के साथ नगर परिषद ने घर-घर से कचरा एकत्रित करने से लेकर सफाई कार्य में संसाधनों तक की बढ़ोतरी के प्रस्ताव पास किए लेकिन सब औंधे मुंह गिर गए हैं। दो साल से शहर में घर-घर से कचरा एकत्रित करने का प्रस्ताव धरातल पर उतरकर नहीं आया है जबकि इससे वास्तविक रूप से सफाई व्यवस्था में सुधार होता। अब सफाई के मामले में पूरी तरह से कर्मियों की चलती है तथा उनके हिसाब से सफाई होती है।

संगठन आगे आए फिर भी शून्य

शहर में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.तारा सक्सेना की अगुवाई में गणमान्य लोगों ने जागरूक नागरिक संगठन का गठन करके सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ सफाई भी की। इसके बाद अन्य संगठन इस अभियान में शामिल हुए तो हर सप्ताह शहर के सार्वजनिक स्थानों पर सफाई अभियान चलाए जाने लगे जिससे काफी हद तक सरकुलर रोड की सूरत बदली थी। इस कार्य में शहर के प्रतिष्ठित लोगों ने श्रमदान करके अभियान को मजबूती दी लेकिन इस अभियान को निरंतरता देने में प्रशासन ठोस भूमिका नहीं निभा पाया जिससे अब स्थिति फिर वही हो गई है। इसके बाद सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है।

मॉनीट¨रग तक की व्यवस्था नहीं

वर्ष 2014 में स्वच्छता अभियान के दौरान प्रशासन ने इस अभियान को गति देने के लिए स्वच्छ रेवाड़ी नाम से वेबसाइट बनाकर लोगों से गंदगी से संबंधित शिकायतें फोटो भेजने का अनुरोध किया था। उस दौरान शिकायतें भी खूब कारगर मॉनीट¨रग व्यवस्था नहीं होने से यह फार्मूला भी फेल हो गया। इसके अलावा सफाई कर्मियों की मौके पर बायोमीट्रिक पद्धति से उपस्थिति तथा समय-समय पर वीडियोग्राफी के दावे की भी चंद दिनों में पोल खुल गई।

शहर को सेक्टरों में बांट चलेगा सफाई अभियान

अब गांधी जयंती को ध्यान में रखते हुए नगर परिषद प्रशासन पूरे शहर के लिए सफाई का व्यापक प्लान बनाया है जिसके तहत पूरे शहर को सेक्टरों में बांटकर सफाई अभियान चलाया जाएगा तथा हर गली-मोहल्ले की सफाई करके उसका कचरा निकाला जाएगा।

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शहर को स्वच्छ बनाने की दिशा में हम पूरी गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। राम¨सहपुरा में जमीन हमारे नाम हो जाने के बाद वहां पर ठोस कचरा संयंत्र जल्द तैयार किया जाएगा। सभी डं¨पग स्टेशनों को कवर्ड भी किया जा रहा है। सामाजिक संगठनों का भी इस कार्य में सहयोग लिया जाएगा।

-मनोज यादव, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद।


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