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बैंक खाते में आपका रुपया सुरक्षित नहीं, विश्वास नहीं, तो पढ़ लें ये खबर

बैंक कर्मियों ने फर्जी हस्ताक्षर कर छह बार में साढे तीन लाख रुपये निकाल लिए। खाताधारक ने मैनेजर के खिलाफ शिकायत दी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 07:06 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 07:06 PM (IST)
बैंक खाते में आपका रुपया सुरक्षित नहीं, विश्वास नहीं, तो पढ़ लें ये खबर

पानीपत/कैथल, जेएनएन। बैंक में आपका रुपया सुरक्षित नहीं है। अगर यकीन नहीं हो रहा तो ये खबर पढ़ लें। खेड़ी गांव के व्यक्ति के खाते से बैंक कर्मियों ने फर्जी हस्ताक्षर करके करीब साढ़े तीन लाख रुपये निकाल लिए। जब पीडि़त ने बैंक खाते की डिटेल निकलवाई तो धोखाधड़ी का पता चला। पीडि़त ने बैंक प्रबंधक के खिलाफ शिकायत दी है। पुलिस का कहना है कि शिकायत मिली है, जांच के बाद मामला दर्ज किया जाएगा।

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खेड़ी गांव निवासी शमशेर सिंह ने बताया कि यह संयुक्त खाता है। उनके पिता अनपढ़ हैं इसलिए सारा लेनदेन वे ही करते हैं। उन्होंने बैंक से 20 लाख की लिमिट करवाई थी जिसके चलते उनके खाते में हर समय 10 से 15 लाख रुपये रहते थे। लिमिट में कुछ समय बाद लेनदेन करना जरूरी होता है इसलिए बैंक अधिकारी उनके खाते में राशि की अदला बदला कर देता था। 

तत्कालीन और वर्तमान अधिकारी ने नहीं की कार्रवाई
शमशेर सिंह ने तत्कालीन बैंक अधिकारी से जब इसके बारे में बात की तो उन्होंने एक सप्ताह के अंदर पैसे वापस खाते में डालने की बात कही, लेकिन पैसे नहीं डाले गए। वर्तमान बैंक अधिकारी ने भी जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए उनकी डिटेल तो दिखाई, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की।

हस्ताक्षर भी निकले फर्जी
शमशेर का कहना है कि जो हस्ताक्षर करके राशि ट्रांसफर की गई है वह उनके खाते के हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते हैं। जब हस्ताक्षर मेल ही नहीं खाते तो बैंक अधिकारी या कर्मचारी पैसा कैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। दूसरा यह जिनके खाते में यह राशि डाली गई है उनको वे जानते तक नहीं है। बैंक अधिकारी उनके पैसे वापस देने की बजाय उन्हें गुमराह कर रहे हैं। 

कब कब निकाली गई खाते से राशि 
29 जुलाई 2016 को 80 हजार, तीन मार्च 2017 को 10 हजार, 30 मार्च 2017 को एक लाख 15 हजार, 30 जून 2017 को 10 हजार 200, 31 अगस्त 2017 को 14 हजार 500 तथा 31 अगस्त 2017 को एक लाख 20 हजार रुपये शमशेर सिंह के खाते से अन्य खातों में ट्रांसफर किए गए। शमशेर का कहना है कि उन्होंने ये पैसे ट्रांसफर नहीं किए। 

मेल खाते हैं हस्ताक्षर 
मैनेजर अमर सिंह फूलिया ने कहा कि शमशेर सिंह का बैंक में आना जाना था। उनके दोस्त यहां बिजनेस कॉरेसपोंडेंट थे। ये लेनदेन करते रहते थे। खाते में जो हस्ताक्षर हैं ट्रांसफर के समय किए गए हस्ताक्षर से मेल खाते हैं। फिर भी खाता धारक को अधिकार है वे जांच करवा सकते हैं सब स्पष्ट हो जाएगा। 


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