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योग शिक्षक पिता की प्रेरणा ने बदली युवा व्यवसायी की सोच, जिम छोड़ अपनाया योग, भागी बीमारी, घटा वजन

यह कहानी है करनाल के युवा व्यवसायी राहुल की। लॉकडाउन में जिम छूटा तो वजन बढ़ गया। नाक की हड्डी बढ़ने से श्वास रोग का खतरा खड़ा हो गया। पिता ने योग की सलाह दी। कुछ ही समय में वजन कम होने के साथ तमाम दिक्कतें छू-मंतर हो गईं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 04:49 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 04:49 PM (IST)
योग शिक्षक पिता की प्रेरणा ने बदली युवा व्यवसायी की सोच, जिम छोड़ अपनाया योग, भागी बीमारी, घटा वजन
करनाल में योग साधकों को योग सिखाते नवीन संडूजा।

करनाल, जेएनएन। युवा फर्नीचर व्यवसायी राहुल काफी परेशान थे। हमउम्र अन्य नौजवानों की तर्ज पर उन्हें प्रतिदिन जिम जाकर खूब वर्क आउट करना बहुत भाता था लेकिन लॉकडाउन में यह सब बंद हुआ तो तमाम समस्याएं खड़ी हो गईं। एक तरफ घर में ही रहने और अधिक खाने-पीने के नतीजे में वजन बढ़ गया तो दूसरी तरफ नाक की हड्डी बढ़ने से श्वास रोग का खतरा खड़ा हो गया। नतीजतन कोरोना की दहशत चरम पर पहुंच गई।

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हर समय संक्रमण का डर सताने लगा। ऐसे में पिता की प्रेरणा से योग की राह अपनाई तो नतीजों ने चौंका दिया। कुछ ही समय में वजन कम होने के साथ तमाम छोटी-बड़ी दिक्कतें छू-मंतर हो गई। अब खुद को दिन भर तरोताजा महसूस करते हैं और दूसरों को भी नियमित रूप से योग मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

शहर के प्रमुख फर्नीचर कारोबारियों में शुमार राहुल संडूजा बखूबी समझ चुके हैं कि योग तन ही नहीं, मन को भी स्वस्थ और प्रसन्नचित्त बनाने में बेहद अहम भूमिका निभाता है। इसीलिए वह हर रोज अलसुबह ही अपने 65 वर्षीय पिता नवीन संडूजा के साथ नियमित रूप से योग अभ्यास करने सेक्टर 12 स्थित सिटी पार्क जाते हैं। करीब डेढ़ घंटा अवधि के सत्र में राहुल और अन्य साधक पिता के मार्गदर्शन में एकाग्रतापूर्वक उन तमाम योग क्रियाओं का अभ्यास करते हैं, जो तन-मन को नई ताजगी और स्फूर्ति से भर देती हैं।

योग मुद्रा में करनाल के युवा व्यवसायी राहुल। 

डेढ़ दशक से सैकड़ों साधकों का मार्गदर्शन कर चुके पिता

राहुल के पिता करीब डेढ़ दशक में सैकड़ों साधकों को मार्गदर्शन दे चुके हैं। वह अकसर राहुल को भी योग अपनाने को कहते लेकिन उन्हें जिम जाना पसंद था, जहां वह अन्य युवाओं के साथ वर्क आउट करते थे। दिक्कत यह थी कि इसके बावजूद उन्हें बहुत बेहतर परिणाम नहीं मिल रहे थे। आखिरकार लॉकडाउन में अनायास उन्होंने योग करना शुरू किया तो नजरिया बदल गया। राहुल बताते हैं कि नियमित योग अभ्यास से न केवल उनका वजन कम हुआ बल्कि फिटनेस में भी खासा सुधार आया है। अनुलोम विलोम व प्राणायाम ने तो उनकी श्वास संबंधी समस्या का पूर्ण निदान कर दिया तो इम्युनिटी भी बढ़ गई। इससे प्रेरित होकर वह अन्य युवाओं को भी योग से जोड़ रहे हें।

योग का प्रभाव चमत्कारिक

राहुल के पिता योग शिक्षक नवीन संडूजा कहते हैं कि योग में अद्भुत शक्ति है। इससे हर शारीरिक व मानसिक समस्या का निदान किया जा सकता है। शुगर, बीपी, नजला जुकाम, संक्रमण, माइग्रेन, डिप्रेशन व कैंसर तक के निदान में योग ने चमत्कारिक भूमिका निभाई है। शर्त केवल यह है कि योग का नियमित अभ्यास करने के साथ संतुलित दिनचर्या और आहारचर्या का एकाग्रता के साथ अनुपालन किया जाए।

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