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कुट्टू का आटा खाने से पानीपत और करनाल में 34 से ज्‍यादा लोग बीमार, आप भी रहें सावधान

नवरात्र में कुट्टू का आटा खाने से पानीपत सहित करनाल में 34 से ज्‍यादा लोग बीमार हो गए। पानीपत की महादेवी कालोनी में परिवार के चार सदस्‍य हुए बीमार। जबकि करनाल में 30 से ज्‍यादा लोग बीमार हो गए हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 04:04 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 04:04 PM (IST)
कुट्टू का आटा खाने से हो चार लोग बीमार हो गए।

पानीपत, जेएनएन। हर साल की तरह इस वर्ष भी वही हुआ, जिसका डर रहता है। नवरात्र के पहले ही दिन कुट्टू के आटे के कारण लोग बीमार हो गए। पानीपत सहित करनाल में 34 से ज्‍यादा लोग बीमार हो गए हैं। जिन्‍हें सिविल अस्‍पताल, कल्‍पना चावला मेडिकल कॉलेज और निजी अस्‍पताल में दाखिल कराया गया।

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मामला पानीपत की महादेव कालोनी का है। परिवार के चार सदस्‍य बीमार हैं। खबर का पता चलते ही समाजसेवी संस्‍थाओं से लेकर आम जन ने प्रशासन से अपील की है कि कम से कम नवरात्र के समय तो चेकिंग अभियान छेड़ें। आमजन क्‍यों हर वर्ष बीमार होते रहे।

महादेव कालोनी में सुनील कुमार का परिवार  रहता है। वह खुद एक किराना की दुकान पर काम करते हैं। शनिवार को सब्‍जी मंडी की एक दुकान से थोक में कुट्टू का आटा लेकर आए थे। इसी आटे से पकौड़ी बनाई। दरअसल, नवरात्र के व्रत पर कुट्टू के आटे का ही इस्‍तेमाल किया जाता है। सबसे खुद पकौड़ी खाई। इसके बाद पत्‍नी कोमल, 12 वर्षीय बेटी पलक, 10 वर्ष के बेटे गुनगुन को पकौड़ी खिलाई। चारों सदस्‍यों को कुछ ही देर में चक्‍कर आने लगे। उल्‍टी करने लगे। हालात बिगड़ने लगी। सभी को रविवार को सिविल अस्‍पताल में भर्ती कराया गया।

करनाल में भी कुट्टू का आटा खाने से 30 से ज्यादा लोग बीमार

करनाल में कुट्टू का आटा खाने से 30 से ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं। 11 मरीजों को कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज में दाखिल किया गया है तो 12 लोगों को नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में चेक किया गया है। हालांकि इनकी हालात ज्यादा गंभीर नहीं थी। दवाईयां देकर इन्हें घर भेज दिया गया। करीब 7 लोग निजी अस्पताल में दाखिल हुए हैं। रामनगर, शिव कालोनी व काछवा के रहने वाले हैं बीमार लोग। सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने कहा स्थिति नियंत्रण में है, संबंधित एरिया में सैंपलिंग के लिए जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी को कहा गया है।

प्रशासन क्‍यों नहीं सजग

समाजसेवी गौरव लीखा का कहना है कि प्रशासन नवरात्र के दिनों में सजग क्‍यों नहीं है। क्‍यों नहीं दुकानों पर जाकर चेकिंग होती। क्‍यों हर वर्ष लोग बीमार होते हैं। डीसी को टास्‍क फोर्स बनाकर पुराना आटा बेचने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। एक तो धार्मिक भावनाओं से  खिलवाड़ किया जा रहा है, दूसरी तरफ लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है।


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