हरियाणा के इस शहर में सिर्फ महिलाओं का योग मोर्चा, जिंदगी बदल गई
पानीपत में महिलाओं के लिए योग शुरू किया गया। सुखदेव नगर में पतंजलि की ओर से पहल की गई। इसमें महिलाएं ही साधक और महिलाएं ही शिक्षक हैं। कुछ दिनों में इसकी संख्या बढ़ती चली गई। अब कई लोगों की जिंदगी बदल गई।
पानीपत, जेएनएन। सात दिन घरेलू मोर्चे पर डटी रहने वालीं महिलाएं ही होती हैं जो कभी काम से अवकाश नहीं लेतीं। इस वजह से अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान नहीं रख पातीं। पतंजलि योग समिति ने जब देखा कि जब भी योग शिविर लगाते हैं, पुरुष तो आ जाते हैं, महिलाएं कम ही पहुंचती हैं। तब एक सकारात्मक पहली की गई। वो थी, केवल महिलाओं के लिए योग शिविर लगाने की।
पानीपत के सुखदेव नगर में ऐसा पार्क है, जहां पर शाम के समय केवल महिलाएं ही योग करती हैं। महिलाएं ही शिक्षक हैं। इस शिविर को आप देख लेंगे तो चेहरे पर मुस्कुराहट खुद ही जाएगी। बीच-बीच में गीत गाते हुए महिलाएं एक से डेढ़ घंटे तक अपने स्वास्थ्य को संवार ले जाती हैं। किसी ने शुगर पर नियंत्रण कर लिया है, किसी के घुटने ठीक हो गए हैं तो किसी ने वजन कम कर लिया है। आइये, आज आपको शिविर और इन्हीं महिलाओं के बारे में बताते हैं।
बस स्टैंड से करीब तीन सौ मीटर दूर है सुखदेव नगर का पार्क। स्थानीय निवासियों ने इस पार्क को संभाला हुआ है। बच्चे झूला झूलते हुए, महिलाएं योग करते और पुरुष सैर करते हुए दिख सकते हैं। यहां पर योग शिविर में सबसे आगे आपको वीरा गोयल दिख जाएंगी। वीरा ही हैं, जो महिलाओं को योग करने के लिए विशेष तौर पर बुलाती हैं। पार्क में अगर कोई महिला टहलती हुई दिख जाए तो उन्हें कहती हैं, योग करिये। इस तरह उन्होंने अपनी पूरी टीम बना ली है। जब इन महिलाओं को स्वस्थ देखती हैं तो कहती हैं कि उनका अभियान सफल हो रहा है।
सीधा होने लगा हाथ : मीनू
मीनू खुराना ने बताया कि वह पीजी चलाती हैं। पहले बच्चों के लिए खाना बना लेती थीं। लेकिन बीच में बाजू ने काम करना बंद कर दिया। काफी दवाइयां ली, कोई आराम नहीं हुआ। योग शिविर में आने लगीं तो बाजू ठीक हो गई। अब रोटी आराम से बन जाती है। अब स्टेमिना भी बढ़ गया है। सर्जरी के बाद कमजोरी आ गई थी। योग ने उन्हें संभाल लिया है। अब तो भरा हुआ सिलेंडर उठा लेती हूं। खुद को युवा महसूस करती हूं। पति भारत भूषण भी घर पर योग करने लगे हैं।
मेरा वजन कम हो गया : सुनीता
सुनीता खुराना ने बताया कि मेरा वजन कम हो गया है। पहले वजन लगातार बढ़ रहा था। सुखदेव नगर के पार्क में पता चला कि केवल महिलाओं के लिए ही योग कैंप लगता है। तब वह यहां पहुंचीं। महिलाओं को देखकर उनकी झिझटक खत्म हो गई। योग का ही असर है कि शारीरिक क्षमता बढ़ गई है।
तनाव कम हुआ, बाजू ठीक हो गई
मंजू भांबरी का कहना है कि वह पहले काफी तनाव रहती थी। कुछ दिन पहले ही सुखदेव नगर के पार्क में योग करने आई हैं। अब मेडिटेशन से तनाव दूर हो गया है। इसके अलावा एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। मेरी बाजू ठीक हो गई है। पहले बाजू ठीक से सीधी नहीं कर सकती थी। पर योग का असर ऐसा हुआ है कि पूरा शरीर ठीक होने लगा है। प्रत्येक महिला को योग करना चाहिए।
घुटना ठीक होने लगा : सुमन
सुमन ने बताया कि उनका बायां घुटना मुड़ता नहीं था। चलने में दिक्कत होने लगी थी। डाक्टर कहते थे कि घुटने बदलने पड़ सकते हैं। वह ङ्क्षचता में आ गई। फिर किसी ने बताया कि योग करना चाहिए। कई योगासन किए, जिससे घुटने ठीक होने लगे। अब अच्छे से चल सकती हूं।
माइग्रेन ठीक हो गया, शिक्षक बन गई : महिमा
एमएससी मैथ कर चुकी महिमा ने बताया कि उन्हें माइग्रेन की समस्या थी। काफी दवाइयां ली, कोई असर नहीं हुआ। योग करने लगी तो अब माइग्रेन तो छू मंतर हो गया है। उन्हें तो यकीन ही नहीं हो रहा कि वह सुखदेव नगर के पार्क में योग की शिक्षक भी बन गई हैं। यह वीरा गोयल मैडम की वजह से हुआ है। माइग्रेन ठीक करना है तो अनुलोम-विलोम करें। जलनीति सीखें। बादाम रोगन रात को नाक में डालें।
इसी पार्क से योग क्रांति आई
87 वर्षीय एडवोकेट रघुबीर सैनी ने बताया कि सुखदेव नगर का यही पार्क था, जहां पर बाबा रामदेव आए थे। तब कुछ लोगों को उन्होंने योग सिखाया था। तब यही से विचार आया कि पूरे देश में योग क्रांति आनी चाहिए। अब तो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा है। योग करने से खुद को स्वस्थ रख सकते हैं, जिंदगी बदल सकती है।