Yamunanagar: छात्रा से की छेड़छाड़, कोर्ट ने कहा-दोषी को कम सजा देना मतलब पीड़िता से अन्याय
यमुनानगर में छात्रा से गलत काम करने की कोशिश करने वाले आरोपित को कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी का अपराध माफी लायक नहीं है अगर दोषी को कम सजा दी तो पीड़िता के साथ अन्याय होगा।
जगाधरी(यमुनानगर), संवाद सहयोगी। 11वीं कक्षा की छात्रा का अपहरण कर उससे गलत काम करने की कौशिश करने वाले दोषी को कड़ी सजा देकर ही समाज को सही संदेश दिया जा सकता है। समाज में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ रही है। इसलिए दोषी का अपराध माफी लायक नहीं है, अगर दोषी को कम सजा दी तो पीड़िता के साथ अन्याय होगा। यह टिप्पणी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने लाडवा क्षेत्र के गांव दबदलान निवासी गुरप्रीत सिंह को सजा सुनाते हुए की। कोर्ट ने दोषी को सात साल कठोर कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर नौ महीने की अतिरिक्त सजा का प्रावधान है। महिला थाना पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर 25 अक्टूबर 2018 को चार/आठ पोक्सो एक्ट व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।
स्कूल से घर लाैटते समय किया था अपहरण
महिला पुलिस थाना यमुनानगर को दी शिकायत में पीड़िता की मां ने कहा था कि उसकी बेटी रादौर क्षेत्र के अंतर्गत एक निजी स्कूल में 11वीं की छात्रा थी। रोजमर्रा की तरह उसका पति बेटी को स्कूल छोड़कर आया था। बेटी रोजना स्कूल बस से घर आती थी। 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे छुट्टी हो गई। जब बेटी पैदल घर आ रही थी, तो रास्ते में गांव दबदलान निवासी गुरप्रीत सिंह ने उसका अपहरण कर लिया। जो उसे खेतो में ट्यूबवैल पर ले गया। जहां उसके साथ गलत काम किया। इसी दौरान उसका पति व देवर भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने खिड़की तोड़कर बेटी को बाहर निकाला। गुरप्रीत मौके से फरार हो गया। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
गुरप्रीत को किया गिरफ्तार
पांच नवंबर को पुलिस ने गुरप्रीत को काबू किया। केस की सुनवाई के दौरान पीड़िता के साथ गलत काम की पुष्टि नहीं हो पाई। कोर्ट ने आरोपित को किशोरी से गलत काम कर ने का दोषी पाया। जिसके आधार पर सजा सुनाई गई।