Honeytrap: गणतंत्र दिवस पर परेड कमांडर के तौर पर मंत्री से सम्मानित महिला एसआइ निकली भ्रष्ट
हनीट्रैप मामले में संलिप्त एसआइ योगेश कुमारी सलाखों के पीछे पहुंच गई है। गणतंत्र दिवस पर परेड कमांडर के तौर पर मंत्री ने एसआइ को सम्मानित किया था।
पानीपत, जेएनएन। 38 दिन पहले गणतंत्र दिवस पर परेड कमांडर के रूप में सम्मानित होने वाली सब इंस्पेक्टर योगेश कुमारी आज भ्रष्टाचार में सलाखों के पीछे है। महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री कमलेश ढांडा ने उसे सम्मानित किया था। हनीट्रैप मामले में महिला पर दबाव डालकर व्यापारी समेत तीन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का केस कराया। बाद में तीनों से 25 हजार रुपये वसूल लिये। चार दिन की लुकाछिपी के बाद महिला थाने में सरेंडर कर दिया। जब उसने सरेंडर किया तो पुलिस महकमे भी गणतंत्र दिवस पर सम्मान की चर्चा होने लगी।
उसकी गिरफ्तारी स्क्रैप व्यापारी सहित तीन लोगों को महिला के जरिये हनीट्रैप में फंसाकर 25 हजार रुपये की वसूली मामले में हुई है। पुलिस महकमे के आला अधिकारी भी हैरत में हैं कि 70 हजार रुपये वेतन लेने वाली एसआइ ने रुपये के लालच में ऐसा कृत्य कर दिया। पुलिस महकमा बदनाम कर दिया।
पति पर दबाव पड़ा तो किया सरेंडर
27 फरवरी को न्यू हाउङ्क्षसग बोर्ड कॉलोनी की महिला ने एसपी को एसआइ योगेश कुमारी के खिलाफ शिकायत दी। एसपी ने जांच एसआइटी को सौंपी और जांच प्रभावित न हो इसलिए योगेश कुमारी का थाना चांदनी बाग से महिला थाने में स्थानांतरण कर दिया। वहां से वह दो दिन की छुट्टी ले गई थी। बाद में फरार हो गई। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम छह दिन से एसआइ योगेश कुमारी की तलाश में उसके न्यू हाउङ्क्षसग बोर्ड कॉलोनी के मकान, सोनीपत व रिश्तेदारी में दबिश दे रही थी। उसका सुराग नहीं मिल रहा था। इसके बाद टीम ने थाना चांदनी बाग में कार्यरत उसके पति हवलदार सुमित से पूछताछ की और दबाव पड़ा। इसके बाद ही एसआइ योगेश कुमारी ने रविवार रात को महिला थाने पहुंचकर एसआइटी के सामने सरेंडर किया।
जो मारती थीं, सेल्यूट वे पकड़कर कोर्ट ले गईं
जिस महिला थाने की पुलिसकर्मी एसआइ योगेश कुमारी को पहले सेल्यूट मारती थी, वही महिला हवलदार उसे पकड़कर कोर्ट ले गईं। बताते है कि एसआइ हेकड़ी में रहती थीं। अब उसी थाने में पकड़ी गई। उसे लॉक की बजाय कमरे में बैठाया गया। कोर्ट में पहले मुस्कुराती रहीं। जज के आने के बाद चेहरे की हवाइयां उड़ गईं।
फेसबुक से सारे फोटो हटाए
योगेश कुमारी का फेसबुक अकाउंट भी है। इसमें उसने अपने घूमने से लेकर पार्टी के फोटो साझा किए हुए थे। इस अकाउंट पर अब उसका प्रोफाइल फोटो छोड़कर कोई भी दूसरा फोटो नहीं है। फरारी के दौरान संभव है कि ये सारे फोटो उसने खुद ही डिलीट किए। उसकी फ्रेंड लिस्ट में राजनेता, व्यापारी, पुलिस अधिकारी और कई रसूखदार लोग शामिल हैं।
हनीट्रैप का दूसरा मामला
जिले में हन्नी ट्रैप का दूसरा मामला है जब एसआइ रैंक का अधिकारी गिरफ्तार हुआ है। हनीट्रैप में उद्यमी को फंसाकर रुपये ऐंठना का मामला 2011 में प्रकाश में आया था। इस मामले में तत्कालीन चौकी प्रभारी व आरोपित महिलाओं को गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। अब एसआइ योगेश कुमारी भी ऐसे ही मामले में फंसी है। उसने महिला के साथ साठगांठ करके स्क्रैप व्यापारी व उसके दोस्तों से रुपये ऐंठने हैं।
कब क्या हुआ
-22 फरवरी को महिला ने स्क्रैप व्यापारी सहित तीन लोगों को घर पर बुलाया। बाद में सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया। एसआइ योगेश कुमार ने 25 हजार रुपये वसूल लिए। बाद में सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया।
-25 फरवरी को स्क्रैप व्यापारी ने महिला द्वारा रुपये मांगे जाने की एसपी को शिकायत दी।
-27 फरवरी को महिला ने एसपी को शिकायत दी कि एसआइ योगेश कुमारी ने स्क्रैप व्यापारी सहित तीन लोगों से 12 लाख रुपये ले लिए हैं।
-27 फरवरी को एसपी ने मामले की जांच एसआइटी को सौंप दी।
-4 मार्च को एसआइटी इंचार्ज डीएसपी पूजा डाबला ने मामला दर्ज किया और 5 मार्च को महिला को गिरफ्तार किया।
-9 मार्च को एसआइ योगेश कुमार ने महिला थाने में सरेंडर कर दिया।