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सुरक्षा और गाड़ी के अभाव में महिला संरक्षण अधिकारी रजनी संसाधनहीन

जागरण संवाददाता पानीपत जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता और पुि

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 11:55 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 11:55 PM (IST)
सुरक्षा और गाड़ी के अभाव में महिला संरक्षण अधिकारी रजनी संसाधनहीन

जागरण संवाददाता, पानीपत : जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता और पुलिस महकमे के बीच इस समय ठनी हुई है। रजनी का आरोप है कि उनके साथ अटैच किए गए पांच पुलिसकर्मी और बुलेरो गाड़ी महकमे ने वापस ले ली है। घटना के समय पुलिसकर्मी और गाड़ी भी उपलब्ध नहीं कराई जाती। ऐसे में बाल विवाह और घरेलू हिसा के किसी केस में मौके पर पहुंचना मुश्किल हो गया है।

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रजनी गुप्ता ने बताया कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2015 में जिलों में संरक्षण अधिकारी की नियुक्त की थी। उस समय डीजीपी आफिस से जिले के एसपी को पत्र भेजा गया था। संरक्षण अधिकारी को महिला थाना में कार्यालय, समय पर गाड़ी और पुलिसकर्मी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। शुरुआती दौर में लोगों को इस पद की जानकारी नहीं थी।शिकायतें बहुत कम मिलती थी। धीरे-धीरे महिलाएं सीधे या महिला थाना में माध्यम से अपनी शिकायत लेकर आने लगी। वर्ष 2017 में पुलिस महकमे की ओर से गाड़ी मिली, लेकिन स्थाई तौर पर नहीं दी गई। 2017 में गाड़ी दी गई थी। दो ईएसआइ (मेल), दो एसपीओ (फीमेल) सहित पांच का स्टाफ मिला। आरोप है कि अब महकमे ने स्टाफ और गाड़ी वापस ले ली है।

रजनी गुप्ता के मुताबिक आफिस में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से एक क्लर्क और बहु उद्देयीय कर्मचारी है। पानीपत के साथ सोनीपत का भी प्रभार है। बाल विवाह, घरेलू हिसा के केसों में सूचना मिलने पर तत्काल पहुंचना असंभव हो गया है। एसपी पानीपत और विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

डायरेक्टर को भेजी शिकायत

रजनी गुप्ता ने 27 जनवरी 2022 को महिला एवं बाल विकास विभाग के डायरेक्टर को शिकायत भेजी। बताया कि बाल विवाह की शिकायत पर गाड़ी-स्टाफ की मांग महिला थाना प्रबंधक से की थी। नाबालिग लड़की के माता-पिता को कार्यालय में बुलवाया। बाल विवाह पर रोक लगाने हेतू दोनों को कार्ट में पेश करना था। आरोप है कि गाड़ी और स्टाफ नहीं मिला। पीड़िताओं को 10 किमी. दूरी तय करनी पड़ती :

रजनी गुप्ता ने बताया कि एसपी कार्यालय से सात जनवरी को एक पत्र मिला। उसमें मेरे कार्यालय को महिला थाना से हटाकर, पुलिस लाइन में शिफ्ट करने को कहा गया था। गनीमत रही कि विभाग के उच्चाधिकारियों ने हस्तक्षेप किया वरना पीड़िताओं को पानीपत बस अड्डा से करीब 10 किमी. दूरी तय कर पुलिसलाइन पहुंचना पड़ता। यह महिलाओं के लिए कठिनाई भरा सफर होता। गाड़ी-स्टाफ वापस लेने की नहीं जानकारी :

महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक हेमा रमन ने फोन पर बताया कि पुलिस महकमे द्वारा गाड़ी और स्टाफ वापस लिए जाने की बात संज्ञान में नहीं है। एसपी पानीपत से इस बाबत जानकारी ली जाएगी। मुझे कुछ नहीं कहना :

रजनी गुप्ता के आरोपों को लेकर एसपी शशांक कुमार सावन का पक्ष जानने के लिए भी फोन किया गया। उन्होंने दो शब्दों में बात खत्म कर बोला कि इस विषय पर मुझे कुछ नहीं कहना।


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